Maharashtra: मनी लांड्रिंग के मामले में राणा कपूर को विशेष अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजा
Rana Kapoor. मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तार यस बैंक के सह संस्थापक राणा कपूर को दो अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
मुंबई, एजेंसियां। Rana Kapoor. प्रवर्तन निदेशालय की विशेष अदालत ने मनी लांड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार यस बैंक के सह संस्थापक राणा कपूर को दो अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले विशेष अदालत ने 16 मार्च को पांच दिनों के लिए कपूर को प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेजा था।
कपूर को पांच दिन की हिरासत खत्म होने पर विशेष अदालत में पेश किया गया। यस बैंक के सह संस्थापक को जांच एजेंसी ने सात मार्च को गिरफ्तार किया था। निदेशालय ने मौखिक रूप से अदालत में यस बैंक और डीएचएफएल की कथित वित्तीय अनियमितताओं का विवरण दिया।
इस बीच, उनके वकील ने अदालत को बताया कि कपूर अतिसंवेदनशील व्यक्ति हैं और जेल में उन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है। कपूर की पूर्व हिरासत खत्म होने के बाद उनको शुक्रवार को अदालत के सामने पेश किया गया। अदालत ने जब उनसे पूछा कि आपको कोई शिकायत तो नहीं है, इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें छह-सात सालों से अस्थमा है, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है और वे बहुत ज्यादा डिप्रेशन में हैं।
इसके बाद उनके वकील ने कहा कि कम प्रतिरोधक क्षमता वाला व्यक्ति होने के चलते उनको कोरोना का संक्रमण होने का खतरा ज्यादा है। उन्होंने कहा कि यह संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है और यह काफी अनिश्चित स्थिति है। यदि उनको जेल भेजा जाता है, तो उनके लिए गंभीर मामला हो सकता है। उनके वकील ने कपूर को एक बड़े सेल में रखने का अनुरोध किया।
रियल्टी कंपनी से लुटियंस की दिल्ली में बाजार मूल्य से आधे पर बंगले की खरीद के जरिये 307 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यस बैंक के प्रमोटर राणा कपूर और उनकी पत्नी के खिलाफ मनी लांड्रिंग का नया मामला दर्ज किया है। रिश्वत की यह रकम रियल्टी कंपनी को यस बैंक से करीब 1,900 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर करने और उसकी रिकवरी विलंब से करने के एवज में दी गई थी।अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में इस मामले में सीबीआइ द्वारा दर्ज मामले के आधार पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत इंफोर्समेंट केस इंफॉरमेशन रिपोर्ट (ईसीआइआर) दर्ज की गई है। यह पुलिस की एफआइआर के समतुल्य होती है। पीएमएलए के तहत राणा कपूर के खिलाफ यह दूसरी शिकायत है। अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने लुटियंस क्षेत्र के 40, अमृता शेरगिल मार्ग पर स्थित इस महंगे बंगले के स्वामित्व, बिक्री और गिरवी रखे जाने से संबंधित कई वित्तीय दस्तावेजों को एकत्रित किया है।
सीबीआइ ने पिछले हफ्ते इस मामले में एफआइआर दर्ज की थी। सीबीआइ को संदेह है कि 1.2 एकड़ में निर्मित इस बंगले की ब्लिस एबोड प्राइवेट लिमिटेड के जरिये भारी डिस्काउंट पर बिक्री राणा कपूर को रिश्वत थी। रिश्वत की यह रकम यस बैंक से गौतम थापर की अवंता रियल्टी एंड ग्रुप कंपनीज को दिए गए करीब 1,900 करोड़ रुपये के कर्ज की वसूली नहीं करने के एवज में दी गई थी। कपूर की पत्नी बिंदु ब्लिस एबोड प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों में से एक थीं। सीबीआइ ने कपूर और उनकी पत्नी के मुंबई स्थित आवास और कार्यालय के अलावा ब्लिस एबोड, अवंता रियल्टी और अन्य के दिल्ली-एनसीआर स्थित कार्यालयों की तलाशी भी ली थी।
आरोप है कि कपूर ने ब्लिस एबोड के जरिये 378 करोड़ रुपये का भुगतान करके यह बंगला खरीदा था और इसे तत्काल 685 करोड़ रुपये में इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के पास गिरवी रख दिया गया था। साफ है कि राणा कपूर ने यह बंगला बाजार मूल्य से 307 करोड़ रुपये कम कीमत पर खरीदा था।