Move to Jagran APP

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए सुरक्षाबलों को श्रद्धांजलि

IED blast in Gadchiroli. महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए सुरक्षाबलों को श्रद्धांजलि दी गई।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 03:46 PM (IST)Updated: Thu, 02 May 2019 03:46 PM (IST)
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए सुरक्षाबलों को श्रद्धांजलि
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए सुरक्षाबलों को श्रद्धांजलि

मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में बुधवार को नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए सुरक्षाबलों को वीरवार को श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने भी शहीदों को नमन किया। 

loksabha election banner

इसी यूनिट ने मारा था 40 नक्सलियों को 

महाराष्ट्र दिवस पर बुधवार को राज्य के नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जनपद के जाम्बुरगढ़ क्षेत्र में हुए नक्सलियों के एक बड़े हमले में पुलिस की विशेष कमांडो फोर्स के 15 जवान शहीद हो गए थे। विशेषकर नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले के लिए बनाई गई क्विक रेस्पांस टीम (क्यूआरटी) के ये जवान एक निजी वाहन से जा रहे थे, जिसे नक्सलियों ने आइईडी विस्फोट से उड़ा दिया। हमले में उक्त वाहन का चालक भी मारा गया है। एक दिन पहले ही नक्सलियों ने इसी क्षेत्र में सड़क निर्माण में लगे 36 वाहन जला दिए थे। गढ़चिरौली में 20 दिन में यह दूसरा नक्सली हमला है। महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक सुबोध जायसवाल के अनुसार, बुधवार दोपहर करीब एक बजे नक्सलियों द्वारा यह लैंडमाइन विस्फोट कुरखेड़ा से छह किलोमीटर दूर किया गया। इस स्थान से कुछ दूर पर ही 22 अप्रैल, 2018 को इसी कमांडो यूनिट ने एक ऑपेरशन में 40 प्रमुख नक्सलियों को मार गिराया था। नक्सली पिछले हफ्ते भर से मारे गए अपने इन्हीं साथियों की बरसी मना रहे थे। खुफिया सूत्रों ने सूचना दी थी कि इस दौरान नक्सली किसी बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं।

जवानों को फंसाने के लिए जलाए थे 36 वाहन

माना जा रहा है कि पुलिस बल को अपने जाल में फंसाने के लिए ही नक्सलियों ने मंगलवार को इसी क्षेत्र में कुरखेड़ा-कोरची मार्ग के निर्माण में लगे 36 वाहन जला दिए थे। इस घटना के बाद ही बुधवार को कमांडो यूनिट के ये जवान निजी वाहन से उस क्षेत्र में जा रहे थे। इस हमले के बाद राजभवन में आयोजित महाराष्ट्र दिवस समारोह रद कर दिया गया।

20 दिन पहले भी किया था हमला

20 दिन पहले ही विदर्भ की सात सीटों पर मतदान से एक दिन पहले 10 अप्रैल को नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया था। नक्सलियों द्वारा किया गया यह हमला गढ़चिरौली स्थित इटापल्ली के गट्टा क्षेत्र में हुआ था। उससे एक दिन पहले ही छत्तीसगढ़ के नक्सली हमले में एक भाजपा विधायक की मृत्यु हो गई थी।

ग्रामीणों के विरोध से नाराज थे नक्सली

अप्रैल के प्रथम सप्ताह में गढ़चिरौली के कोचिनारा, बुटेकासा एवं सातपुती क्षेत्रों में नक्सलियों ने मतदान बहिष्कार के बैनर-पोस्टर लगाए थे। जिसे स्थानीय ग्रामीणों ने जला दिया था। तभी से माना जा रहा था कि नक्सली इसकी प्रतिक्रिया में कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं, लेकिन क्षेत्र में मतदान न सिर्फ शांतिपूर्ण निपटा, बल्कि पहले की तुलना में मतदान प्रतिशत भी बढ़ा है। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की सीमाएं नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ और तेलंगाना से मिली हुई हैं। इसलिए यह त्रिकोण नक्सलियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है।

ग्रामीणों ने तोड़ दिया था नक्सलियों का स्मारक

पिछले दिनों ही 'दैनिक जागरण' से बात करते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने दावा किया था कि सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यो एवं सुरक्षाबलों की सख्ती के कारण 11 राज्यों के 90 जिलों में फैला नक्सलवाद अब छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्रों तक सीमित रह गया है। गढ़चिरौली के संदर्भ में अहीर का यह दावा इसलिए भी सही साबित होता दिख रहा था क्योंकि करीब सालभर पहले गढ़चिरौली के भामरागढ़ तालुका में ग्रामीणों ने मारे गए नक्सली कमांडरों की याद में नक्सलियों द्वारा बनाया गया एक स्मारक गुड़ी पड़वा के दिन तोड़ डाला था, लेकिन गढ़चिरौली में हुए इस हमले ने सुरक्षाबलों की चिंता बढ़ा दी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.