'मंत्री पद ही नहीं मिलना चाहिए था', धनंजय मुंडे के इस्तीफे पर बहन पंकजा ने क्या-क्या कहा?
महाराष्ट्र के फडणवीस मंत्रिमंडल से मंगलवार धनंजय मुंडे ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने ये फैसला लिया है। धनंजय मुंडे के फैसले को सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले से जोड़कर भी देखा जा रहा है। मुंडे के इस्तीफे पर उनकी चचेरी बहन एवं महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि उन्हें पहले ही त्यागपत्र दे देना चाहिए था।

जेएनएन, मुंबई। महाराष्ट्र सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) कोटे से मंत्री धनंजय मुंडे ने आज त्यागपत्र दे दिया है। उनके पीए प्रशांत जोशी ने मंगलवार सुबह उनका त्यागपत्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सौंपा।
फडणवीस ने त्यागपत्र स्वीकार कर उसे राज्यपाल के पास भेज दिया है। फडणवीस पहले ही उपमुख्यमंत्री अजीत पवार एवं राकांपा नेता प्रफुल पटेल को पत्र लिखकर कहा था कि धनंजय मुंडे को त्यागपत्र दे देना चाहिए।
दरअसल, मुंडे पिछले तीन महीने से बीड जिले के मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के बाद से विवादों में घिर गए थे। इस हत्याकांड का मास्टरमाइंट उनके एक सहयोगी वाल्मीक कराड को बताया गया है।
मंगलवार को मुंडे का इस्तीफा
इस हत्याकांड की जांच कर रही सीआईडी द्वारा इस मामले की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल करने के बाद आज धनंजय मुंडे ने अपना त्यागपत्र दे दिया, लेकिन उनके अनुसार यह त्यागपत्र उन्होंने अपने स्वास्थ्य कारणों से दिया है। उनका कहना है कि उन्हें बेल्स पालसी की बीमारी है। जिसके कारण उनकी बोलने की क्षमता प्रभावित हुई है।
मुंडे के इस्तीफे से राजनीतिक हलचल बढ़ी
धनंजय मुंडे के त्यागपत्र के बाद राज्य की राजनीति भी गरमा गई है। उनपर तगड़ा प्रहार करते हुए राकांपा (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने सवाल किया है कि सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के 84 दिन बाद ही क्यों नैतिकता जागी है। इसी मामले में शुरुआत से ही धनंजय मुंडे के त्यागपत्र की मांग करती आ रहीं सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने कहा है कि उनका आंदोलन मुंडे के विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देने तक जारी रहेगा।
पहले ही देना चाहिए था त्यागपत्र: पंकजा मुंडे
वहीं, धनंजय मुंड के त्यागपत्र के बाद उनकी चचेरी बहन एवं महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा है कि धनंजय मुंडे को पहले ही त्यागपत्र दे देना चाहिए था। यहां तक कि उन्हें मंत्री पद की शपथ ही नहीं लेनी चाहिए थी।
धनंजय मुंडे 2019 के विधानसभा चुनाव में पंकजा मुंडे को ही हराकर पहली बार विधानसभा में पहुंचे थे। वह तब राकांपा के विधायक बने थे। तब अपनी हार के लिए पंकजा परोक्ष रूप से देवेंद्र फडणवीस को जिम्मेदार ठहराती रही थीं। लेकिन जब राकांपा में टूट के बाद राकांपा के अजीत गुट और भाजपा में समझौता हुआ, तो पंकजा और धनंजय के पारिवारिक संबंध कुछ हद तक सुधर गए थे।
पिछले विधानसभा चुनाव से कुछ ही पहले भाजपा ने पंकजा मुंडे को विधान परिषद की सदस्यता देकर उनके राजनीतिक पुनर्वास के संकेत दे दिए थे। लेकिन अपनी परंपरागत परली विधानसभा सीट से धनंजय मुंडे का चुना जाना और स्वयं विधान परिषद की राजनीति करना उन्हें रास नहीं आ रहा था।
क्या राहत महसूस कर रही पंकजा मुंडे?
अब धनंजय मुंडे के त्यागपत्र देने के बाद माना जा रहा है कि पंकजा मुंडे अपने राजनीतिक करियर को लेकर राहत महसूस कर रही होंगी। क्योंकि स्वयं धनंजय मुंडे ने स्वयं को बेल्स पालिसी नामक बीमारी से ग्रस्त बताया है। जिसमें बोलने में मुश्किल का सामना करना पड़ता है। वह पारिवारिक मोर्चे पर भी अपनी पहली पत्नी करुणा मुंडे के निशाने पर रहते हैं। हाल ही में अदालत ने उन्हें करुणा मुंडे को प्रतिमाह डेढ़ लाख रुपए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है। ऐसे में चौतरफा परेशानियों से घिरे धनंजय अब परली विधानसभा में कब तक टिक पाएंगे कहा नहीं जा सकता।
क्या सरपंच हत्याकांड मामला?
गौरतलब है कि बीड जिले के एक सरपंच संतोष देशमुख का नौ दिसंबर, 2024 को अपहरण कर, बाद में उनकी हत्या कर दी गई थी। बताया जाता है कि बीड जिले में पवन चक्की लगा रही एक कंपनी से धनंजय मुंडे का करीबी वाल्मीक कराड दो करोड़ रुपए मांग रहा था। संतोष देशमुख ने इसका विरोध किया था।
महाराष्ट्र में नई सरकार बनने के बाद अगले सप्ताह ही संतोष देशमुख की हत्या होने के बाद से ही महाराष्ट्र में धनंजय के करीबी वाल्मीक कराड एवं उसके साथियों की गिरफ्तारी एवं धनंजय मुंडे के त्यागपत्र की मांग की जाने लगी थी। सरकार की ओर से इस मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गई थी। इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और सातों पर मकोका के तहत केस दर्ज किया गया है।
CID ने मामले में पेश की चार्जशीट
सीआईडी ने पिछले सप्ताह 27 फरवरी को इस मामले में 1200 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश की है। चार्जशीट में कई वीडियोज एवं फोटो भी पेश किए गए हैं, जिनमें संतोष देशमुख की निर्ममतापूर्वक हत्या करते दिखाया गया है। ये फोटो, वीडियो और सेल्फी स्वयं हत्यारों ने ही खींचे थे।
चार्जशीट में ये वीडियो सामने आने के बाद धनंजय मुंडे पर त्यागपत्र का दबाव और बढ़ गया था। माना जा रहा है कि इसी दबाव के कारण आज उन्होंने अपना त्यागपत्र अपने पीए के जरिए मुख्यमंत्री के पास भेज दिया है। लेकिन अपने एक्स एकाउंट पर उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से त्यागपत्र देने की बात कही है।

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