वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
Savarkars grandson hospitalised वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें शुक्रवार रात अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
मुंबई, प्रेट्र। हिंदुत्व के विचारक विनायक दामोदर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर को उच्च रक्तचाप की शिकायत के बाद शुक्रवार देर रात अस्पताल में भर्ती कराया गया। 55 वर्षीय रंजीत सावरकर अपने दादा को लेकर हुए विवाद से काफी तनाव में थे। रंजीत सावरकर को आईसीयू में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनकी हालत अब स्थिर है।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस से जुड़े सेवादल द्वारा वितरित एक पुस्तिका के बाद विवाद छिड़ गया था, इस पुस्तक में वीर सावरकर की देशभक्त होने और वीरता के लिए उनकी प्रतिष्ठा पर सवाल उठाया गया था। जबकि शिवसेना सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को कहा था, 'वीर सावरकर एक महान व्यक्ति थे और एक महान व्यक्ति बने रहेंगे। एक तबका उनके खिलाफ बात करता रहता है। यह उनके दिमाग में गंदगी दिखाता है। '
गौरतलब है कि इस पुस्तक में वीर सावरकर को लेकर लिखे गए तथ्यों से उनके पोते रंजीत बेहद नाराज हैं और उस पर तुरंत रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। रंजीत अपनी इस मांग को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने गये थे। लेकिन उद्धव ठाकरे रंजीत सावरकर से मिले बिना ही मंत्रालय से निकल गए। इससे रंजीत ने खुद को अपमानित महसूस किया।
क्या है मामला
कांग्रेस सेवा दल की ओर से वितरित की गयी एक बुकलेट को लेकर भारतीय जनता पार्टी भड़क गयी है। इस बुकलेट में हिंदुत्व के पुरोधा कहे जाने वाली वीर सावरकर के बारे में कुछ आपत्तिजनक बातें दर्ज हैं। जबकि सेवादल प्रमुख लालजी देसाई का कहना है कि ये बातें आधारहीन हैं और यह सारी बातें एक पुस्तक क संदर्भ के आधार पर लिखी गयी हैं। भोपाल में कांग्रेस सेवादल के शिविर के शुरु होने से पहले ही इसकी बुकलेट 'वीर सावरकर कितने वीर' विवादों में आ गई है। इसमें वीर सावरकर और महात्मा गांधी को लेकर आपत्तिजनक बातें लिखी गयी हैं।
इन आरोपों को लेकर भाजपा ने कांग्रेस सेवादल पर तीखा हमला किया है। मध्य प्रदेश की भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने कांग्रेस की आलोचना की है। सिंह का कहना है कि कांग्रेस देशभक्तों को बदनाम कर रही है, खासकर जो बहुसंख्यक समाज के हितैषी थे।