Maharashtra: मनसुख हिरेन मामले में हटाए गए सचिन वझे, बचाव में उतरे उद्धव ठाकरे; देवेंद्र फड़नवीस ने साधा निशाना
Maharashtra मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में सचिन वझे को क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट से हटा दिया गया है। हालांकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे वझे का बचाव करते नजर आए तो देवेंद्र फड़नवीस ने सरकार को घेरने की कोशिश की।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। Maharashtra: मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में नाम जुड़ने के बाद मुंबई पुलिस के एपीआइ सचिन वझे को क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट (सीआइयू) से हटा दिया गया है। हालांकि, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे वझे का बचाव करते नजर आए, तो देवेंद्र फड़नवीस ने यह कहकर सरकार को घेरने की कोशिश की सीएम वझे के वकील बन गए हैं। मुकेश अंबानी के घर के निकट मिली संदिग्ध स्कार्पियो कार के कथित मालिक थे मनसुख हिरेन। हिरेन की पत्नी विमला हिरेन ने एटीएस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में हत्या का शक एपीआइ सचिन वझे पर जाहिर किया है। प्राथमिकी में यह नाम सामने आने के बाद भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने मंगलवार को विधानसभा में वझे पर सख्त कार्रवाई करने का दबाव बनाया था। इसके बाद ही सरकार ने बुधवार को सचिन वझे को सीआइयू से हटाने का निर्णय कर लिया। हालांकि सरकार ने अभी वझे की नई पोस्टिंग की घोषणा नहीं की है।
दूसरी ओर, सचिन वझे को सीआइयू से हटाने का निर्णय करने के बाद भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उनका बचाव करते दिखाई दिए। विधानमंडल के सत्र के अंतिम दिन पत्रकारों से बात करते हुए उद्धव ने कहा कि सचिन वझे की ऐसी छवि बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जैसे वह ओसामा बिन लादेन हो। उद्धव ने कहा कि सचिन अपने निलंबन के तीन साल बाद 2008 में शिवसेना में शामिल जरूर हुए थे, लेकिन उसके बाद उन्होंने अपनी सदस्यता का नवीनीकरण नहीं करवाया। उद्धव के सचिव के बचाव में उतरने पर नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि अब सचिन वझे को कोई वकील करने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खुद ही उनके वकील बनने के लिए लालायित दिख रहे हैं। वह जिस प्रकार से सचिन वझे का बचाव कर रहे थे, मुझे तो बड़ा आश्चर्य लगा। फड़नवीस ने सवाल उठाया कि क्या मुख्यमंत्री को कुछ बताया नहीं जाता?
स्वयं एटीएस ने इस मामले में 302 (हत्या) एवं 120बी(आपराधिक साजिश) का मामला दर्ज किया है। यह इतना गंभीर प्रकरण है। ऐसे प्रकरण में जिस प्रकार से वझे को बचाने का प्रयास हो रहा है, यह आश्चर्य की बात है। हमारी मांग थी कि पूजा चव्हाण आत्महत्या प्रकरण में मंत्री संजय राठोड़ को इस्तीफा देना चाहिए, और उन्होंने दिया भी। लेकिन संजय राठोड़ का इस्तीफा होता है, और वझे पर कार्रवाई नहीं होती, इससे पता चलता है कि राठोड़ न तो सरकार को हिला सकते थे, न गिरा सकते थे। लेकिन मुझे लगता है कि वझे के बाद जरूर ऐसा कुछ है कि वह सरकार हिला भी सकते हैं, और सरकार गिरा भी सकते हैं। आखिर सचिन वझे के पास ऐसी कौन सी जानकारी है, जिसके कारण उन्हें बचाया जा रहा है? सचिन वझे के विरुद्ध इतने सबूत होने के बावजूद उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है ?
नाना पटोले ने कहा, मुकेश अंबानी को कोई खतरा नहीं
प्रदेश कांग्रेस ने भी सचिन वझे का बचाव किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि सचिन वझे के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। यदि सबूत हो, तो विपक्ष सामने लाए। पटोले ने अंबानी के घर के निकट मिली संदिग्ध कार पर भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अंबानी को कोई खतरा नहीं है। स्काíपयो मुकेश अंबानी के घर से करीब एक किलोमीटर दूर पार्क थी। मुकेश अंबानी के पास चार तरह के सुरक्षा कवच हैं। अंतरराष्ट्रीय, केंद्र सरकार की सुरक्षा, राज्य सरकार की सुरक्षा और स्वयं उनके सुरक्षा गार्ड। ऐसे में उनकी सुरक्षा को खतरे का सवाल ही नहीं उठता। चूंकि मुकेश अंबानी को शेयर बाजार में बड़ा नुकसान हुआ है, इसलिए भाजपा सदन में उनकी सुरक्षा का मुद्दा उठाकर उन्हें सहानुभूति दिलाना चाहती है।
नाना पटोले पर भाजपा नेता का तंज
नाना पटोले के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि जैसे राष्ट्रीय राजनीति में कोई राहुल गांधी को गंभीरता से नहीं लेता, वैसे ही यहां नाना पटोले की बात को कोई गंभीरता से नहीं लेता।