Mumbai News: मुंबई हवाईअड्डे से ड्रग कार्टेल मामले में दो कस्टम एजेंट गिरफ्तार, मिलीभगत से विदेश भेजते थे नशा
Mumbai News मुंबई अपराध शाखा के एक्सटॉर्शन रोधी प्रकोष्ठ (एईसी) ने जांच का दायरा बढ़ाया है। पुलिस ने ड्रग कार्टेल से कथित मिलीभगत के आरोप में मुंबई हवाईअड्डे से दो कस्टम क्लीयरिंग एजेंट गिरफ्तार किए हैं। File Photo
मुंबई, ऑनलाइन डेस्क। मुंबई अपराध शाखा के एक्सटॉर्शन रोधी प्रकोष्ठ (एईसी) ने जांच का दायरा बढ़ाया है। पुलिस ने ड्रग कार्टेल से कथित मिलीभगत के आरोप में मुंबई हवाईअड्डे से दो कस्टम क्लीयरिंग एजेंट गिरफ्तार किए हैं। जांच में पाया गया है कि यूरोप, अमेरिका और यूएई में नशीले पदार्थ भेजने में शामिल इस गिरोह के अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी भारतीय ड्रग कारोबारी कैलाश राजपूत के साथ संबंध हैं। राजपूत को हाल ही में आयरलैंड में हिरासत में लिया गया है।
दुबई से पूरे गिरोह का संचालन
जांच में पाया गया कि आयरलैंड में राजपूत की गिरफ्तारी के बाद अभी उसका प्रत्यर्पण नहीं हुआ है, लेकिन उसका गुर्गा दानिश मुल्ला अब दुबई से पूरे गिरोह का संचालन कर रहा है। राजपूत की गिरफ्तारी के बाद यह मुंबई हवाई अड्डे से यूएई भेजी जा रही पहली खेप थी।
बता दें मुंबई में एईसी ने अंधेरी में नशीले पदार्थ और प्रतिबंधित दवाएं विदेश भेजने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया। इस दौरान 8 करोड़ रुपए की केटामाइन की बरामदगी हुई। एईसी ने मुल्ला सहित तीन वांछित अभियुक्तों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। पुलिस रैकेट के दाउद गिरोह से संबंधों की भी जांच कर रही है।
कस्टम अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल
पुलिस ने आगे जांच में पाया कि एयरपोर्ट कस्टम क्लियरिंग एजेंटों की मिलीभगत से इन नशीले पदार्थों और प्रतिबंधित दवाओं को बाहर भेजा जा रहा था। एईसी द्वारा गिरफ्तार किए गए कस्टम एजेंटों की पहचान अभय जदाय (40), बाबासाहेब बाजीराव काकडे (49) और शितेश पवार (40) के रूप में हुई है।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि गिरफ्तार कस्टम एजेंट एयरपोर्ट में माल की स्कैनिंग और जांच का काम करते थे। एजेंटों की जांच के बाद कस्टम अधिकारी खेप को सामान के रूप में भेजने की अनुमति देते हैं। अब कस्टम अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
कैलाश राजपूत कौन है?
कैलाश राजपूत विभिन्न ड्रग मामलों में एनसीबी, सीबीआई, एनआईए, दिल्ली स्पेशल सेल और मुंबई पुलिस सहित कई भारतीय एजेंसियों द्वारा वांछित था। वह कई सालों से दाउद गैंग के लिए नशीली दवाओं की तस्करी कर रहा है। उसे 2012 में सीमा शुल्क द्वारा मुंबई हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया और इस मामले में जमानत मिलने के बाद 2014 में वह भारत से भाग गया।
भारत से तस्करी कर भेजी जाने वाली लगभग हर सिंथेटिक ड्रग के मामले में उसका नाम सामने आया है। उसे मुंबई अपराध शाखा द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर 2017 में आयरलैंड में हिरासत में लिया गया और अभी उसे भारत प्रत्यर्पित किया जाना है।