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Sushant Singh Rajput Case: बिहार बनाम महाराष्ट्र का रंग लेता जा रहा है सुशांत मामला

Sushant Singh Rajput Case सुशांत मामले की जांच सीबीआइ से करवाए जाने के पक्ष में बिहार के सभी दलों के नेता एकमत दिख रहे हैं वहीं महाराष्ट्र भाजपा भी उनके साथ है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 08:39 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 08:39 PM (IST)
Sushant Singh Rajput Case: बिहार बनाम महाराष्ट्र का रंग लेता जा रहा है सुशांत मामला
Sushant Singh Rajput Case: बिहार बनाम महाराष्ट्र का रंग लेता जा रहा है सुशांत मामला

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। Sushant Singh Rajput Case: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या का मामला अब दो राज्यों महाराष्ट्र और बिहार के बीच राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। इस मामले की जांच सीबीआइ से करवाए जाने के पक्ष में जहां बिहार के सभी दलों के नेता एकमत दिख रहे हैं, वहीं महाराष्ट्र भाजपा भी उनके साथ खड़ी दिखाई दे रही है। उत्तर प्रदेश और बिहार मूल के लोगों के साथ शिवसेना का व्यवहार कभी सकारात्मक नहीं रहा है। माना जा रहा है कि इसलिए भी यह मामला राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। पटना में पैदा हुए सुशांत सिंह राजपूत ने मुंबई को अपनी कर्मभूमि बनाया और कई टीवी धारावाहिकों के अलावा करीब एक दर्जन फिल्मों में अभिनय किया।

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गत 14 जून को बांद्रा के एक फ्लैट में उनकी आत्महत्या के बाद से ही यह मामला विवादों में उलझता जा रहा है। इसी सप्ताह उनके पिता द्वारा पटना में प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद तो राजनीतिक गलियारों से बयानों की बाढ़ सी आ गई है। मुंबई पुलिस की अब तक की जांच पर अंगुलियां उठ रही हैं। बिहार पुलिस ने मुंबई पहुंचकर अपनी जांच शुरू कर दी है। सुब्रह्मण्यम स्वामी व देवेंद्र फड़नवीस जैसे भाजपा नेताओं की मांग के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी मामला दर्ज कर लिया है। अब तक की जांच के आधार पर बिहार के नेता मुंबई पुलिस पर अक्षमता व उस पर भरोसा न होने का आरोप लगा रहे हैं। जनता दल (यू) के प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक ने शुक्रवार को एक टीवी चैनल पर कहा कि यदि मुंबई पुलिस स्वयं यह जांच करना चाहती है, तो बिहार पुलिस से उसने यह मामला खुद को हस्तांतरित करने की मांग क्यों नहीं की।

कानूनी जानकारों का मानना है कि चूंकि यह घटना मुंबई में हुई है, इसलिए इसकी जांच का अधिकार मुंबई पुलिस का ही बनता है। लेकिन इस बात का जवाब न तो मुंबई पुलिस दे पा रही है, न ही महाराष्ट्र सरकार, कि सुशांत की मौत के 45 दिन बाद भी मुंबई पुलिस का ध्यान उन पक्षों की ओर क्यों नहीं गया, जिनकी जानकारी इतनी दूर बैठे सुशांत के पिता को हो गई ? और उन्होंने उसका उल्लेख भी पटना में लिखाई गई अपनी प्राथमिकी में किया है। यह सवाल भी उठ रहे हैं कि मुंबई पुलिस अब तक सिर्फ कुछ बड़े प्रोडक्शन हाउसों से ही पूछताछ में समय क्यों गंवाती रही ?

बिहार के सत्तारूढ़ दल भाजपा और जद (यू) की तरफ से इसी आधार पर सीबीआई जांच की मांग हो ही रही है, राजद जैसे विपक्षी दल भी सीबीआइ जांच की मांग कर रहे हैं। महाराष्ट्र में प्रतिपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने भी ट्वीट कर ईडी व सीबीआइ से जांच की मांग उठाई और संयोग से कुछ देर बाद ही ईडी ने मामला दर्ज करने की घोषणा कर दी। यह बात महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ दलों शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा को रास नहीं आ रही है।  


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