सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार की बर्खास्तगी की मांग वाली जनहित याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से उद्धव ठाकरे को हटाने की मांग और राष्ट्रपति शासन लगाने की याचिका को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि एक अभिनेता की मौत होने का मतलब ये नहीं है कि राज्य में कानून व्यवस्था फेल हो गई है।
नयी दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को बर्खास्त करने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे और जस्टिस ए एस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्य की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप राष्ट्रपति से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन यहां मत आइए।"
बता दें कि दिल्ली निवासी विक्रम गहलोत, रिषभ जैन और गौतम शर्मा ने सरकार की बर्खास्तगी की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि राज्य के मामलों को संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों के अनुरूप हल नहीं किया जा रहा है। राज्य में सत्तारूढ़ राजनीतिक दलों द्वारा प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग कर न केवल अपराधियों को बचाया जा रहा है बल्कि आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। याचिका में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की संपत्ति के कुछ हिस्सों को ध्वस्त करने के उदाहरणों का उल्लेख किया गया था।