अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर बन रहे मंदिर के लिए चंदा लेने पर शिवसेना ने कसा तंज
संपादकीय के माध्यम से शिवसेना तंज कसते हुए कहती है कि 4 लाख स्वयंसेवक मंदिर के चंदे के निमित्त संपर्क अभियान चलानेवाले हैं। यह संपर्क अभियान मतलब राम की आड़ में 2024 का चुनाव प्रचार है। राम के नाम का राजनीतिक प्रचार रुकना ही चाहिए।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर बन रहे विशाल मंदिर के लिए विश्व हिंदू परिषद की चंदा इकट्ठा करने की योजना पर शिवसेना ने तंज कसा है एवं आरोप लगाया है कि चंदा इकट्ठा करने के बहाने अगले लोकसभा चुनाव का प्रचार अभियान चलाया जाएगा। जबकि भाजपा ने इस आरोप को राम मंदिर निर्माण में अड़ंगा लगानेवाला बताया है।
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है कि 14 जनवरी अर्थात मकर संक्रांति से चार लाख से अधिक स्वयंसेवक 12 करोड़ से अधिक परिवारों से संपर्क करेंगे। मंदिर का काम तेजी से चल रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले तंबू में विराजमान रामलला मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। इस मंदिर निर्माण कार्य के लिए हर घर से चंदा इकट्ठा करनेवाली ‘टोली’ बनाई गई है, जो कि मजेदार है। 4 लाख स्वयंसेवक चंदे के लिए हर द्वार पर जाएंगे। ये स्वयंसेवक कौन हैं ? उनकी नियुक्ति किसने की ?
संपादकीय के माध्यम से शिवसेना तंज कसते हुए कहती है कि 4 लाख स्वयंसेवक मंदिर के चंदे के निमित्त संपर्क अभियान चलानेवाले हैं। यह संपर्क अभियान मतलब राम की आड़ में 2024 का चुनाव प्रचार है। राम के नाम का राजनीतिक प्रचार रुकना ही चाहिए। मंदिर निर्माण के पश्चात चुनाव प्रचार में राम नहीं, बल्कि विकास होना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं दिख रहा। वनवास समाप्त होने के बावजूद श्रीराम की अड़चन जारी है। हे राम!
सामना के कार्यकारी संपादक एवं शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राऊत ने भी बात करते हुए कहा कि अयोध्या का भव्य राम मंदिर लोगों के चंदे से बनाएंगे, ऐसा कभी तय नहीं किया गया था। लेकिन लोगों से चंदा लेने का मामला साधारण नहीं है। यह मामला राजनीतिक है। राम अयोध्या के राजा थे। उनके मंदिर के लिए युद्ध हुआ। सैकड़ों कारसेवकों ने अपना खून बहाया, बलिदान दिया। उस अयोध्या के राम का मंदिर चंदे से बनाएंगे? यह अयोध्या के राजा का अपमान है। लेकिन शिवसेना के इन आरोपों का जवाब देते हुए महाराष्ट्र भाजपा के प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी ने भी शिवसेना पर तंज कसते हुए कहा कि राम का मंदिर ‘चंदे’ से बन रहा है, ना कि ‘वसूली’ से।
कुलकर्णी के अनुसार संजय राऊत, उद्धव ठाकरे एवं उनके जैसों के ‘हे राम !’ कहने का वक्त नजदीक आता दिख रहा है। जिन लोगों का वसूली में विश्वास है, वे चंदे का महत्त्व क्या समझेंगे ? स्वर्गीय बालासाहब ठाकरे के स्मारक की ओर इशारा करते हुए कुलकर्णी ने कहा कि जिनके कारण शिवसेना है, उनका स्मारक अब तक नहीं बना सके। जिनके नाम पर शिवसेना है, उन छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक में अडंगा बने बैठे हैं। जबकि राम मंदिर निर्माण के लिए सिर्फ भारत के नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के हिंदू अपना सर्वस्व देने को तैयार हैं। तुम पहले अन्य राज्यों में नोटा से ज्यादा वोट लाने का प्रयत्न करो। महाराष्ट्र में जो मिला है, उसे कायम बचाए रखने का प्रयत्न करो। नहीं तो, हे राम कहने का समय आते देर नहीं लगेगी।