शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, रिश्ता हमने नहीं खत्म किया, भाजपा ने किया खत्म
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा हमने सरकार बनाने की इच्छा जताई है। राज्यपाल ने भाजपा को 48 घंटे का समय दिया लेकिन हमें 24 घंटे का समय दिया गया
मुंबई, राज्य ब्यूरो। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस, राकांपा और उनकी पार्टी महाराष्ट्र में सरकार गठन का फॉर्मूला तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व हमारी विचारधारा है, लेकिन अब हमने नई दिशा में जाने की शुरुआत की है।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, हमने सरकार बनाने की इच्छा जताई है। राज्यपाल ने भाजपा को 48 घंटे का समय दिया, लेकिन हमें 24 घंटे का समय दिया गया। बहुमत साबित करने के लिए 24 घंटे का समय बहुत कम है।
भाजपा के इस दावे पर कि शिवसेना 24 अक्टूबर को चुनाव नतीजे आने के बाद से ही कांग्रेस-राकांपा के संपर्क में थी, उद्धव ने कहा कि उन्होंने राजग के प्रमुख घटक (भाजपा) के साथ उसके कठिन दौर में गठबंधन किया था। उन्होंने कहा, 'आधिकारिक तौर पर मैंने सरकार गठन के लिए समर्थन की खातिर कांग्रेस-राकांपा से सिर्फ 11 नवंबर को ही बात की।' एक उपनगरीय रिजॉर्ट में अपने विधायकों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में उद्धव ने कहा कि अगर कांग्रेस-राकांपा के समर्थन से सरकार बनती है तो शिवसेना को भी दोनों पार्टियों के तरह साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर स्पष्टता चाहिए। समर्थन जुटाने के लिए और समय देने से राज्यपाल के इन्कार की उन्होंने कड़ी आलोचना की। अरविंद सावंत पर शिवसेना को गर्व है।
उन्होंने कहा कि अलग-अलग विचारधाराओं की पार्टियों ने भाजपा के साथ भी गठबंधन किया है। वह इस बात का अध्ययन करेंगे कि किस प्रकार भाजपा नीतीश कुमार, रामविलास पासवान, महबूबा मुफ्ती और चंद्रबाबू नायडू जैसे विपरीत विचारधारा के लोगों के साथ गठबंधन करने में सफल रही। इससे उन्हें यह समझने में मदद मिलेगी कि कांग्रेस और राकांपा के साथ कैसे आगे बढ़ा जाए। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने भाजपा के साथ आधिकारिक तौर पर गठबंधन तोड़ लिया है, उद्धव ने कहा, 'अगर यह टूट गया है तो यह उन्होंने तोड़ा है, मैंने नहीं। उन्होंने झूठ बोला और मुझे झूठा साबित करने की कोशिश की।' शिवसेना प्रमुख ने कहा, अब तो राज्यपाल ने हमें 6 महीने का समय दे दिया है। अब हम तीनों (कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना) न्यूनतम साझा प्रोग्राम पर बातचीत करेंगे। अब तक सिर्फ शिवसेना ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है। ऐसे में हमारा दावा अब भी बरकार है।
फड़नवीस ने भाजपा सरकार बनाने के प्रयास तेज करने को कहा : राणे
दिनभर की गहमागहमी पर नजर रख रही भाजपा ने मंगलवार को भी हर परिस्थिति पर बारीकी से नजर रखने की बात कही। लेकिन चुनाव से कुछ दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने चुनाव परिणाम आने के बाद पहली बार सामने आकर दावा किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने उनसे सरकार बनाने का प्रयास तेज करने को कह दिया है। राणे ने यह कहकर नई सनसनी पैदा कर दी है कि जल्द ही भाजपा के नेतृत्व में नई सरकार बनेगी। शिवसेना को सरकार बनाने के लिए कांग्रेस-राकांपा से समर्थन मिलने की बात पर राणे ने कहा कि शिवसेना को उल्लू बनाने का प्रयास चालू है बस।
कांग्रेस-राकांपा ने की न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाने की मांग
राज्य में अपना मुख्यमंत्री बनाने को आतुर शिवसेना को कांग्रेस-राकांपा ने फिर लटका दिया है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के साथ ही कांग्रेस-राकांपा के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को साफ कर दिया कि कई महत्वपूर्ण बिंदुओं के स्पष्ट होने तक वे शिवसेना के साथ सरकार बनाने का निर्णय नहीं करेंगे। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से चर्चा करने मुंबई पहुंचे कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने स्पष्ट किया कि शिवसेना की ओर से कांग्रेस-राकांपा से सरकार बनाने के लिए समर्थन अधिकृत तौर पर 11 नवंबर को मांगा गया। लेकिन उन्हें समर्थन देने से पहले कुछ बिंदुओं पर स्पष्टता जरूरी थी। ऐसे कैसे समर्थन का पत्र दिया जा सकता था? दोनों पार्टियों में आम सहमति बनने के बाद ही शिवसेना से चर्चा की जा सकती है। पटेल ने कहा कि यदि तीन पार्टियों को मिलकर सरकार बनानी है तो तीनों दलों को मिलकर न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाना जरूरी होगा। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी पटेल के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि अभी तो बातचीत शुरू हुई है। सभी मुद्दों पर स्पष्टता के बिना आगे जाने का सवाल ही नहीं उठता।