Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे ने सीएम एकनाथ शिंदे को पार्टी से निकाला, SC ने निलंबन की मांग पर तत्काल सुनवाई से किया था इन्कार
उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पार्टी से निकाल दिया है। पिछले दिनों उन्होंने बागी तेवर दिखाते हुए पार्टी से 15 विधायकों का समूह लेकर अलग हो गए थे। जिसके बाद महाराष्ट्र में भाजपा से समर्थन हासिल कर शिंदे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
मुंबई, प्रेट्र: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे को 'शिवसेना नेता' के पद से हटा दिया। उद्धव ने विद्रोही गुट के नेता के खिलाफ यह कार्रवाई पार्टी में बगावत के 10 दिन बाद की। शिंदे को लिखे पत्र में उद्धव ने उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है। पत्र में कहा गया है कि शिंदे ने 'स्वेच्छा' से पार्टी की सदस्य छोड़ दी है। इसलिए वह शिवसेना पार्टी अध्यक्ष के रूप में मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए, शिंदे को पार्टी संगठन में शिवसेना नेता के पद से हटा रहे हैं।
Uddhav Thackeray sacks Eknath Shinde as Shiv Sena leader: Party sources
— Press Trust of India (@PTI_News) July 1, 2022
शिंदे से सुलह के पक्ष में शिवसेना के सांसद
शिवसेना के कुछ सांसदों ने उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से सुलह करने की सलाह दी है। शुक्रवार को उद्धव ठाकरे ने पार्टी के सांसदों की बैठक बुलाई थी, जिसमें यह सुझाव दिया गया। सुझाव देने वालों में पार्टी के वरिष्ठ नेता भी शामिल थे। इनका कहना है कि पार्टी के हित को देखते हुए बागियों से सुलह जरूरी है। वहीं, उद्धव ठाकरे के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद महाविकास अगाड़ी सरकार चली गई। लेकिन शिवसेना के ओर से राजनैतिक और कानूनी लड़ाई लगातार जारी है। उद्धव ठाकरे दल ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर एकनाथ शिंदे समेत 15 बागी विधायकों को निलंबित करने और सदन में मतदान करने से रोकने की मांग की है। याचिका में कहा गया था कि बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही अभी बाकी है। जिसके चलते इन्हें सदन में जाकर मतदान करने से रोका जाना चाहिए।