महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के पद को लेकर शिवसेना व भाजपा में मतभेद
BJP and shiv Sena. महाराष्ट्र में शिवसेना चुनाव बाद मुख्यमंत्री पद की मांग को लेकर आक्रामक दिख रही है।
मुंबई, प्रेट्र। भाजपा और शिवसेना ने आगामी चुनावों के लिए सीट बंटवारे पर समझौता कर लिया है, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा। इस पर सहमति नहीं बन पाई है। दोनों पार्टियां इस पद को लेकर भिन्न बयान देती दिख रही हैं।
उद्धव ठाकरे की पार्टी चुनाव बाद मुख्यमंत्री पद की मांग को लेकर आक्रामक दिख रही है। सोमवार को लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे पर हुई घोषणा के मुताबिक, महाराष्ट्र की 48 सीटों में से भाजपा 25 सीटों पर जबकि शिवसेना 23 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी। विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां गठबंधन सहयोगियों को समायोजित करने के बाद बराबर सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना अलग-अलग उतरी थी। भाजपा को 122 सीटों पर जबकि शिवसेना को 63 सीटों पर सफलता मिली।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार रात अपने आवास पर पार्टी के चुने हुए कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्होंने चुनाव फार्मूला ठुकरा दिया है। इसमें कहा गया था कि विधानसभा में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी को मुख्यमंत्री पद मिलेगा।
ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, 'पिछले 25 वर्षो से दोनों पार्टियां इसी फार्मूले का इस्तेमाल करती आई हैं। मैंने इसे ठुकरा दिया है। मैंने मांग की है कि दोनों पार्टियों को बराबर पद मिले। भाजपा इसके लिए सहमत हुई, इसलिए मैंने गठबंधन करने का फैसला लिया।'
दूसरी ओर राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि भाजपा का रुख यही है कि जो पार्टी ज्यादा सीटें जीतेगी उसी को मुख्यमंत्री का पद मिलेगा। हालांकि दोनों विधानसभा चुनाव में बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
मोदी के नेतृत्व की तुलना नहीं कर सकते राहुल-प्रियंका
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी में 2014 के बाद से काफी सुधार हुआ है। उन्हें उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा का समर्थन भी हासिल है। लेकिन दोनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तुलना नहीं कर सकते। शिवसेना ने बुधवार को अपने मुखपत्र सामना में यह कहा है।