Maharashtra Politics: राजनीतिक कार्यकर्ताओं को विचारधारा से समझौता नहीं करना चाहिए: शरद पवार
Maharashtra महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शरद पवार को उनके 80वें जन्मदिन पर शुभकामना देते हुए कहा उन्हें महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार का स्तंभ करार देते हुए कहा कि उनकी ऊर्जा व उत्साह सबको प्रेरणा देने वाले हैं।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। Maharashtra: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं को अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करना चाहिए। पवार शनिवार को अपने जीवन के 80 वर्ष पूर्ण करने के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुंबई के यशवंतराव चह्वाण सेंटर में आयोजित अपने जन्मदिन समारोह में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने कहा कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं व नेताओं की नई पीढ़ी तैयार करने से राज्य और देश का भविष्य मजबूत होगा। राजनीतिक कार्यकर्ताओं को अपनी विचारधारा पर दृढ़ रहने की सीख देते हुए पवार ने कहा कि नई पीढ़ी के राजनीतिक कार्यकर्ताओं में महात्मा ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज व बाबासाहब आंबेडकर की विचारधारा का समावेश होना जरूरी है।
पवार के अनुसार, इन महान आत्माओं को सिर्फ याद करना ही काफी नहीं है। लोगों के कल्याण के लिए इनके बताए मार्ग पर चलना भी चाहिए। विचारधारा को ही जीवन का दर्शन बताते हुए राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि जब आप समाज के अंतिम व्यक्ति की सेवा में जुटते हैं, तो आपको बहुत कुछ सीखने को मिलता है। पवार के अनुसार, लोगों ने उन्हें 50 साल तक अपने लिए काम करने का अवसर प्रदान किया है। इस अवसर पर अपने माता-पिता को याद करते हुए पवार ने कहा कि उन्होंने हमें यह शिक्षा भी दी थी कि समाज का काम करते हुए अपने परिवार को नजरंदाज नहीं करना चाहिए।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शरद पवार को उनके 80वें जन्मदिन पर शुभकामना देते हुए कहा उन्हें महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार का स्तंभ करार देते हुए कहा कि उनकी ऊर्जा व उत्साह सबको प्रेरणा देने वाले हैं। हम चाहते हैं कि उनमें यह ऊर्जा व उत्साह सदैव कायम रहे। उनके जैसे वरिष्ठ नेता व मार्गदर्शक अच्छे स्वास्थ्य के साथ दीर्घजीवी हों। महाराष्ट्र में चल रही तीन दलों की शिवसेनानीत सरकार का शिल्पकार शरद पवार को ही माना जाता है। पिछले वर्ष अक्टूबर में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद जब शिवसेना अपने गठबंधन के साथी भाजपा से कम से कम ढाई साल के मुख्यमंत्री पद की मांग पर अड़ी हुई थी, तब शरद पवार ने अपने दल राकांपा व कांग्रेस को शिवसेना को पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री पद देने पर सहमति बनाई थी। उनकी इसी रणनीति के कारण सबसे बड़े दल के रूप में उभरी भाजपा को विपक्ष में बैठना पड़ रहा है।