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Maharashtra: शरद पवार बोले, महाराष्ट्र सरकार गिराने की भाजपा की कोशिश नहीं होगी कामयाब

Maharashtra शरद पवार ने कहा कि ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार बने एक साल हो गया। उन्होंने इसे दो महीने बाद गिराने की कोशिश की फिर छह महीने बाद और आठ महीने बाद भी गिरानी चाही। लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा। यह एक स्थिर सरकार है और कायम रहेगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 06:56 PM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 09:19 PM (IST)
Maharashtra: शरद पवार बोले, महाराष्ट्र सरकार गिराने की भाजपा की कोशिश नहीं होगी कामयाब
शरद पवार बोले, महाराष्ट्र सरकार गिराने की भाजपा की कोशिश कामयाब नहीं होगी। फाइल फोटो

नई दिल्ली, प्रेट्र। Maharashtra: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सुप्रीमो शरद पवार ने कहा कि भाजपा की महाराष्ट्र सरकार को गिराने की कोई भी कोशिश कामयाब नहीं होगी। उन्हें पूरा विश्वास है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी गठबंधन सरकार पूरी तरह से स्थिर है और राज्य में शासन करती रहेगी। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन और उनके परिजनों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई सत्ता का दुरुपयोग है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने बुधवार को एक साक्षात्कार में कहा कि ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार बने एक साल हो गया। उन्होंने इसे दो महीने बाद गिराने की कोशिश की, फिर छह महीने बाद और आठ महीने बाद भी गिरानी चाही। लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा। यह एक स्थिर सरकार है और कायम रहेगी।

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ध्यान रहे कि महा विकास अघाड़ी गठबंधन सरकार में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन को पिछले महीने ही एक साल पूरा हो गया है। हालांकि इस अवधि में भाजपा नेता यह कहते रहें कि वैचारिक विरोधाभास के चलते यह सरकार जल्द ही गिर जाएगी। भाजपा और शिवसेना ने 2019 में विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा और जीता था। लेकिन ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की जिद पकड़ने के बाद गठबंधन तोड़ लिया था और विरोधी विचारधारा वाली राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। कहा जाता है कि शरद पवार ने गठबंधन सरकार बनाने के लिए राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना एकजुट किया था।

शिवसेना के नेता और 'सामना' के संपादक संजय राउत की पत्नी वर्षा को ईडी के नोटिस के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा, 'यह सत्ता का दुरुपयोग है।' ईडी ने पीएमसी बैंक से जुड़े 4300 करोड़ रुपये के धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए वर्षा को तलब किया है। पवार ने कहा, 'उन्होंने एक बार मुझे भी नोटिस देने की कोशिश की थी, लेकिन उसे वापस ले लिया गया। मैं बैंक के बोर्ड का सदस्य भी नहीं था और ना ही बैंक में मेरा कोई खाता है।' पिछले साल ईडी ने महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (एमएससीबी) में कथित घोटाला के संबंध में एक आपराधिक मामला दर्ज किया था और पवार, उनके भतीजे अजित पवार तथा अन्य की भूमिका एजेंसी की जांच के घेरे में आयी थी।

ईडी ने पवार को समन नहीं किया लेकिन राकांपा अध्यक्ष ने उस समय जोर दिया था कि वह जांच एजेंसी के कार्यालय जाएंगे। कानून और व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर राज्य पुलिस ने पवार को मनाया, जिसके बाद उन्होंने कार्यालय जाने का विचार छोड़ दिया। शिवसेना लगातार आरोप लगा रही है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां अनुचित तरीके से उसके नेताओं को निशाना बना रही है। हाल में राकांपा में शामिल हुए भाजपा के पूर्व नेता एकनाथ खडसे को भी पुणे में भूमि के सौदे में धनशोधन की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए ईडी ने तलब किया था। पिछले महीने ईडी ने धनशोधन के मामले में शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाइक के परिसरों पर छापेमारी की थी।


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