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महाराष्ट्र में हुई हिंसा पर शरद पवार का बड़ा बयान, बोले- सतर्क रहें, सांप्रदायिक ताकतें उठाना चाहती हैं फायदा

Maharashtra violence महाराष्ट्र में हुई हिंसा पर शरद पवार (Shrad Pawar) ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि कुछ सांप्रदायिक ताकतें त्रिपुरा में हुई हिंसा का फायदा उठाना चाहती है हमें इससे सतर्क रहना है। अगर त्रिपुरा में कुछ हुआ था तो अन्‍य राज्‍यों में भी इसकी जरूरत थी।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 17 Nov 2021 12:40 PM (IST)Updated: Wed, 17 Nov 2021 12:55 PM (IST)
महाराष्ट्र में हुई हिंसा पर शरद पवार का बड़ा बयान, बोले- सतर्क रहें, सांप्रदायिक ताकतें उठाना चाहती हैं फायदा
महाराष्ट्र में हुई हिंसा पर शरद पवार (Shrad Pawar) ने बड़ा बयान दिया है

मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र के अमरावती और मालेगांव में प्रदर्शन के दौरान हिंसा को लेकर राकांपा प्रमुख शरद पवार ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि कुछ सांप्रदायिक ताकतें त्रिपुरा में हुई हिंसा का फायदा उठाना चाहती है, हमें इससे सतर्क रहना है। बता दें कि बीते शुक्रवार को महाराष्ट्र को अमरावती, मालेगांव समेत राज्‍य के अन्‍य शहर हिंसा में पूरी तरह से झुलस गए थे। पत्‍थरबाजी के बाद पूरे इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। राकांपा प्रमुख शरद पवार से जब इस बारे में प्रतिक्रिया ली गई तो वे बोले, मुझे नहीं लगता कि अगर त्रिपुरा में कुछ हुआ था तो अन्‍य राज्‍यों में भी इसकी जरूरत थी। कुछ सांप्रदायिक ताकतें इसका फायदा उठाना चाह रही हैं। हमें इससे सतर्क रहने की जरूरत है।

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पहले ही तैयार हो चुकी थी योजना

भाजपा ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र के अमरावती और मालेगांव में प्रदर्शन के दौरान जो हिंसा फैली थी उसकी योजना पहले ही तैयार हो चुकी थी। राज्‍य सरकार के पास अतिरिक्‍त पुलिस बल मौजूद था लेकिन उसका इस्‍तेमाल नहीं किया गया। वहीं राज्‍य के पूर्व मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि इस हिंसा का मकसद समाज का ध्रुवीकरण करना था। इन शहरों में हुई हिंसा समाज को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की ओर धकेलने की योजनाबद्ध रणनीति का एक भाग थी। यह जवाबी कार्रवाई को परखने का एक प्रयोग था, हमें इससे सावधान रहने की आवश्‍यकता है।

फड़णवीस ने प्रश्‍न किया, जिस दिन ये घटना हुई उस दिन उस दिन अमरावती में पुलिस बल की सात कंपनियां तैनात थी पर उनका प्रयोग नहीं किया गया। इन कंपनियों को सरकार ने आदेश क्‍यों नहीं दिया। त्रिपुरा में हुई हिंसा की घटनाओं के विरूद्ध विरोध मार्च निकाले गये, तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और अफवाहें फैलायी गईं।


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