दाऊद इब्राहिम का सहयोगी रियाज भाटी गिरफ्तार Mumbai News
Riyaz Bhati. दाऊद इब्राहिम के सहयोगी रियाज भाटी को मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी एक्सटॉर्शन सेल ने गिरफ्तार किया है।
मुंबई, एएनआइ। दाऊद इब्राहिम के सहयोगी रियाज भाटी को मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी एक्सटॉर्शन सेल (एईसी) ने गिरफ्तार किया है।
दाऊद के करीबी का अमेरिका प्रत्यर्पण विफल करने में जुटा पाकिस्तान
दाऊद इब्राहिम के एक करीबी साथी जाबिर मोतीवाला के अमेरिका प्रत्यर्पण को रोकने के लिए लंदन स्थित पाकिस्तानी राजनयिक हर कोशिश में जुटे हुए हैं। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआइ) की प्रत्यर्पण याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान पाकिस्तानी राजनयिकों की तरफ से समर्थित डी-कंपनी के बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि मोतीवाला गंभीर अवसाद से ग्रस्त है और तीन बार आत्महत्या की नाकाम कोशिशें कर चुका है। इसलिए उसे मनीलांड्रिंग, ड्रग तस्करी और अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराध के आरोपों का सामना करने के लिए अमेरिका प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता है।
मोतीवाला दाऊद इब्राहिम का बेहद भरोसेमंद आदमी है, जिसे अगस्त 2018 में लंदन में मनी लांड्रिंग और ड्रग तस्करी के आरोपों में एफबीआइ की सूचना पर गिरफ्तार किया गया था। भारतीय एजेंसियों के करीबी सूत्रों ने बताया कि लंदन स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग ने शुरू में आरोपित के वकील की तरफ से अदालत में एक पत्र सौंप कर यह कहते हुए प्रत्यर्पण को विफल करने की कोशिश की थी कि मोतीवाला पाकिस्तान में एक प्रसिद्ध और सम्मानित कारोबारी है।असल में पाकिस्तान को डर है कि यदि मोतीवाला को अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया, तो डी-कंपनी का यह करीबी साथी दाऊद इब्राहिम के कराची से संचालित अंडरवर्ल्ड नेटवर्क और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसिस इंटेलिजेंस (आइएसआइ) के बीच के गठजोड़ को उजागर कर देगा। जबकि अमेरिका दाऊद इब्राहिम को पहले ही एक वैश्विक आतंकी घोषित कर चुका है, जो एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट चलाता है और गिरोह के मार्गो को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के साथ साझा करता है।
सूत्रों ने बताया है कि दाऊद का प्रमुख वित्त सहयोगी मोतीवाला लंदन में मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश हुआ। उसे स्कॉटलैंड यार्ड की प्रत्यर्पण इकाई ने मनी लांड्रिंग और डी-कंपनी के हवाले से अर्जित नारकोटिक्स धन को साझा करने के आरोपों में गिरफ्तार किया था।सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी सरकार की तरफ से पेश हुए बैरिस्टर जॉन हार्डी ने अदालत से कहा कि मोतीवाला खूब यात्रा करता है और अपने बॉस दाऊद इब्राहिम के लिए (अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराधों के लिए) बैठकें करता है। दाऊद अपने भाई अनीस सहित भारत में आतंकी अपराधों के लिए वांछित है।
सूत्रों ने कहा कि बचाव पक्ष के वकील ने अदालत से कहा कि मोतीवाला गंभीर अवसाद से ग्रस्त है और पिछले कई वर्षो में आत्महत्या के कई प्रयास कर चुका है। वकील ने कहा कि ऐसी स्थिति में उसे मुकदमे का सामना करने के लिए अमेरिका प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता।सूत्रों ने कहा कि इसके ठीक विपरीत अमेरिकी पक्ष के वकील ने कहा कि मोतीवाला डी-कंपनी के काले धन को विदेश में विभिन्न परियोजनाओं में निवेश करता रहा है। वह कथित तौर पर ड्रग तस्करी में संलिप्त रहा है और डी-कंपनी की तरफ से धन उगाही के लिए यूरोप की यात्रा भी करता रहा है। यदि मोतीवाला को अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया, तो यह दाऊद के साथ ही पाकिस्तानी शासन व्यवस्था में मौजूद उसके संरक्षकों को एक बड़ा झटका होगा।
जानें, कौन है दाऊद इब्राहिम
यह तो सभी जानते हैं कि दाऊद इब्राहिम अंडरवर्ल्ड डॉन है। एक समय मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर उसका राज चलता था। 1993 मुंबई बम धमाकों का वह मुख्य आरोपित है। उस पर आतंकियों से सांठगांठ के भी आरोप हैं। फिरौती, फिल्मों की पायरेसी और नकली नोटों के धंधे में भी वह लिप्त रहा है। 1993 मुंबई धमाकों के बाद वह दुबई भाग गया था और हाल के कुछ सालों में उसके पाकिस्तान के कराची में होने के कई पुख्ता सुबूत मिले हैं।
पुलिसकर्मी का बेटा है दाऊद
दाऊद इब्राहिम का जन्म 27 दिसंबर, 1955 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में एक कोंकणी मुल्लिम परिवार में हुआ था। उसके पिता इब्राहिम कास्कर मुंबई पुलिस में हेड कॉन्सटेबल थे और मां अमीना एक गृहणी थी। वह मुंबई के डोंगरी इलाके में टेमकर मोहल्ला इलाके में रहता था और उसने स्कूल की पढ़ाई भी आधे में ही छोड़ दी थी। बड़ा होने के साथ ही वह हाजी मस्तान नाम के तत्कालीन डॉन से संपर्क में आ गया। बाद में दाऊद ने अपने भाई के साथ मिलकर डी कंपनी नाम से अपना गैंग बना लिया। दाऊद की करतूतों पर बॉलीवुड में कई फिल्में बन चुकी हैं।
जानिए, क्या है दाऊद की भारत आने की शर्त
वकील श्याम केसवानी के मुताबिक दाऊद चाहता है कि भारत आने पर उसे देश की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा जाए। वैसे दाऊद की इस शर्त को भारत सरकार माने, ऐसा लगभग नामुमकिन ही लगता है। आर्थर रोड जेल वही जेल है जहां 26/11 मुंबई हमलों के गुनहगार पाकिस्तानी आतंकी अजमल आमिर कसाब को फांसी देने से पहले करीब चार साल रखा गया था।