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आरबीआइ ने बड़े निजी बैंकों के प्रमुखों का बोनस रोका

31 मार्च, 2017 को खत्म वित्त वर्ष के लिए निजी क्षेत्र के जिन बैंकों के शीर्ष अधिकारियों को अब तक बोनस नहीं मिला है, उनमें एचडीएफसी बैंक, आइसीआइसीआइ और एक्सिस बैंक शामिल हैं।

By BabitaEdited By: Published: Sat, 07 Apr 2018 03:51 PM (IST)Updated: Sat, 07 Apr 2018 03:52 PM (IST)
आरबीआइ ने बड़े निजी बैंकों के प्रमुखों का बोनस रोका
आरबीआइ ने बड़े निजी बैंकों के प्रमुखों का बोनस रोका

मुंबई, जेएनएन। भारतीय रिजर्व बैंक देश के बड़े निजी बैंकों के शीर्ष अधिकारियों को साल के अंत में मिलने वाले बोनस के भुगतान की अनुमति देने में देरी कर रहा है। आरबीआइ ने इन बैंकों के प्रदर्शन का हवाला देते हुए बोनस के तौर पर भारी-भरकम रकम के भुगतान पर सवाल उठाए हैं।

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 31 मार्च, 2017 को खत्म वित्त वर्ष के लिए निजी क्षेत्र के जिन बैंकों के शीर्ष अधिकारियों को अब तक बोनस नहीं मिला है, उनमें एचडीएफसी बैंक, आइसीआइसीआइ और एक्सिस बैंक शामिल हैं। वजह यह रही कि रिजर्व बैंक ने इन अधिकारियों को प्रस्तावित बोनस भुगतान के दस्तावेज पर अब तक हस्ताक्षर नहीं किए हैं। सूत्रों ने पहचान न बताने की शर्त पर यह जानकारी दी लेकिन विस्तृत जानकारी देने से यह कहकर मना कर दिया कि ये निहायत निजी सूचनाएं हैं। एक्सिस बैंक के प्रवक्ता ने इस मसले पर कुछ भी बोला। एचडीएफसी व आइआइसीआइ बैंक के प्रवक्ताओं ने भी ई-मेल और फोन कॉल का जवाब नहीं दिया। खबर लिखे जाने तक आरबीआइ को भेजे गए ई-मेल का भी जवाब नहीं आया।

तीन करोड़ तक बोनस

शेयर बाजारों को भेजी गई सूचना के मुताबिक आइसीआइसीआइ बैंक के निदेशक मंडल ने सीईओ चंदा कोचर को 2.2 करोड़ रुपये के बोनस की मंजूरी दी है। एक्सिस बैंक की प्रमुख शिखा शर्मा को 1.35 करोड़ रुपये का बोनस मिलना है जबकि एचडीएफसी बैंक के एमडी आदित्य पुरी को बोनस के तौर पर तकरीबन 2.9 करोड़ रुपये मिलने हैं।

डिफॉल्ट के मामले छिपाए 

हालांकि निजी क्षेत्र के बैंकों की हालत सार्वजनिकक्षेत्र के प्रतिस्पर्धी बैंकों के मुकाबले बेहतर मानी जाती है लेकिन पिछले साल उन्होंने मुश्किल दौर का सामना किया। फंसे कर्ज यानी एनपीए और कथित तौर पर कॉरपोरेट गवर्नेंस में गड़बडिय़ां इनमें शामिल हैं। 

मार्च, 2017 में खत्म वित्त वर्ष के दौरान, जिसके लिए बोनस भुगतान विचाराधीन है, रिजर्व बैंक के ऑडिट में पाया गया है कि एक्सिस बैंक ने 56 अरब के फंसे कर्ज की जानकारी सार्वजनिक नहीं की। एचडीएफसी बैंक में भी ऐसे मामले पाए गए जबकि आइसीआइसीआइ बैंक की तरफ से कहा गया कि ऐसे मामलों का खुलासा करने की जरूरत ही नहीं है। इस मामले में रिलायंस सिक्युरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक आशुतोष कुमार मिश्र के मुताबिक, परंपरा के मुताबिक आरबीआइ को 31 मार्च, 2018 से पहले बोनस को मंजूरी दे देनी चाहिए थी। मंजूरी में इतना समय कभी नहीं लगा।


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