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Maharashtra Politics: नए गुल खिला सकती है प्रशांत किशोर व शरद पवार की मुलाकात, राजनीतिक अटकलें तेज

चुनावी रणनीतिकार की भूमिका निभा चुके प्रशांत किशोर ने शुक्रवार सुबह शरद पवार से उनके आवास में मुलाकात की। ये बैठक डेढ़ घंटे तक चली। इस मुलाकात के बाद से राजनीतिक अटकलें तेज हो गई हैं। बातचीत किस विषय पर हुई इसका पता नहीं चल सका है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 04:27 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 09:38 PM (IST)
Maharashtra Politics: नए गुल खिला सकती है प्रशांत किशोर व शरद पवार की मुलाकात, राजनीतिक अटकलें तेज
प्रशांत किशोर ने शरद पवार के आवास सिल्वर ओक पर उनसे मुलाकात की

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। कई राजनीतिक दलों के लिए चुनावी रणनीतिकार की भूमिका निभा चुके प्रशांत किशोर ने आज मुंबई में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की। हाल के घटनाक्रम को देखते हुए इस मुलाकात के बाद राजनीतिक अटकलें तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि शरद पवार महाराष्ट्र के अगले विधानसभा चुनाव एवं देश के लोकसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की मदद से कोई नया गुल खिलाने का विचार कर  रहे हैं।

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करीब डेढ़ घंटे चली बातचीत

प्रशांत किशोर शुक्रवार सुबह शरद पवार के आवास सिल्वर ओक पहुंचे।  दोनों के बीच करीब डेढ़ घंटे बंद बातचीत हुई। इस मुलाकात के बीच ही शरद पवार ने राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल को भी अपने आवास पर बुला लिया था। इन नेताओं के साथ हुई प्रशांत किशोर की बातचीत किस विषय पर हुई, इसका पता नहीं चल सका है। लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रशांत किशोर भविष्य में राकांपा, अथवा समूची महाविकास आघाड़ी के लिए काम कर सकते हैं। लेकिन राकांपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने इन अटकलों को गलत बताया है।

अजीत पवार ने मुलाकात के राजनीतिक अर्थ को किया खारिज 

अजीत पवार खुद आज पुणे में थे। उन्होंने वहीं पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर की शरद पवार से हुई मुलाकात के किसी राजनीतिक अर्थ को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि शरद पवार एक राष्ट्रीय नेता हैं। उनसे मिलने के लिए ऐसे भी लोग आते रहते हैं। अजीत पवार के अनुसार प्रशांत किशोर खुद कह चुके हैं कि अब वह किसी दल के लिए रणनीतिकार की भूमिका नहीं निभाएंगे। इसके बाद ऐसी अटकलें लगाना निरर्थक है कि वह राकांपा या महाविकास आघाड़ी के लिए काम करेंगे।

बता दें कि प्रशांत किशोर इससे पहले भी कई राजनीतिक दलों के लिए काम कर चुके हैं। कुछ जगह उन्हें सफलता मिली है, तो कहीं उनकी रणनीति असफल भी रही है। हाल ही में वह पश्चिम बंगाल चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के लिए काम कर चुके हैं। तृणमूल भारी बहुमत से सत्ता में आने में सफल रही है।

मुलाकात के बाद पीएम के प्रति शिवसेना के तेवर ढीले

इधर महाराष्ट्र में शासन कर रही महाविकास आघाड़ी में भी इन दिनों नए घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं। दो दिन पहले ही अपने दो वरिष्ठ मंत्रिमंडलीय साथियों के साथ प्रधानमंत्री से मिलने गए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने समय निकालकर प्रधानमंत्री से अलग से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री के प्रति शिवसेना के तेवर ढीले नजर आ रहे हैं। इस घटनाक्रम के बाद शरद पवार ने स्वर्गीय बालासाहब ठाकरे के इंदिरा गांधी से संबंधों का उदाहरण देते हुए शिवसेना के भरोसेमंद पार्टी होने का बयान दिया है।

दूसरी ओर कांग्रेस के निरंतर कमजोर होने के कारण शरद पवार अपने लिए राष्ट्रीय फलक पर भी नए अवसर तलाश रहे हैं। शिवसेना नेता संजय राऊत उन्हें संप्रग का अध्यक्ष बनाने की मांग पहले ही उठा चुके हैं। प्रशांत किशोर के कई क्षेत्रीय राजनीतिक दलों से संपर्क का लाभ उठाकर पवार अपने नेतृत्व में कोई महाविकास आघाड़ी की तर्ज पर कोई नया गठबंधन खड़ा करें तो ताज्जुब नहीं होना चाहिए।


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