Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में बढ़ा सियासी घमासान, संजय राउत व आदित्य ठाकरे ने विद्रोही विधायकों को दी धमकी
Maharashtra Political Crisis महाराष्ट्र में शिवसेना के नेता विधायकों के विद्रोही होने से परेशान होकर अब धमकाने पर उतर आए हैं। वह अपने ही शासन वाले राज्य में विद्रोही विधायकों को मुंबई लौटने की चुनौती दे रहे हैं।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र में अपने विधायकों के विद्रोही होने से परेशान शिवसेना के नेता अब धमकाने पर उतर आए हैं। वे एक ओर केंद्र सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगा रहे हैं, तो दूसरी ओर अपने ही शासन वाले राज्य में विद्रोही विधायकों को मुंबई लौटने की चुनौती दे रहे हैं। उनकी धमकियों का असर भी हो रहा है। जगह-जगह शिवसैनिक विद्रोही नेता एकनाथ शिंदे व उनके खेमे के अन्य विधायकों के घरों व कार्यालयों में तोड़फोड़ कर रहे हैं। इतने बड़े स्तर पर विद्रोह के बाद शिवसेना में अब सिर्फ 16 विधायक और तीन मंत्री ही रह गए हैं। इन तीन मंत्रियों में भी दो उद्धव ठाकरे व अनिल परब विधान परिषद के सदस्य हैं। सिर्फ उद्धव के पुत्र आदित्य ठाकरे ही विधानसभा सदस्य हैं। इस दुर्गति के बावजूद शिवसेना अपनी 'शैली' छोड़ने को तैयार नहीं है। युवा नेता आदित्य ठाकरे से लेकर संजय राउत तक विद्रोही विधायकों को सीधी धमकियां दे रहे हैं।
आदित्य ठाकरे की खुली धमकी
आदित्य ठाकरे ने युवा शिवसैनिकों को संबोधित करते हुए कहा है कि निकट भविष्य में दो फ्लोर टेस्ट आयोजित किए जाएंगे। एक विधानसभा के अंदर होगा, तो दूसरा बाहर सड़कों पर होगा। फ्लोर टेस्ट के दिन बागियों को पहले हवाई अड्डे पर उतरना होगा। वहां से विधान भवन का रास्ता बांद्रा, वर्ली, परेल, भायखला होते हुए ही जाता है। बता दें कि ये सभी क्षेत्र शिवसेना के प्रभाव वाले माने जाते हैं। खासतौर से वर्ली से तो खुद आदित्य ठाकरे चुनकर आए हैं और हाल ही में इसी क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखने वाले सचिन अहीर को शिवसेना ने विधान परिषद में भी भेजा है। आदित्य ठाकरे के ये शब्द बागी विधायकों को सीधे धमकी देने वाले हैं।
आदित्य ठाकरे ने केंद्र को भी दी चुनौती
आदित्य ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे यहां पर सेना, सीआरपीएफ व अर्धसैनिक बल तैनात कर सकते हैं। लेकिन उन्हें (केंद्र को) देश को यह जवाब भी देना होगा कि क्या यहां जो हो रहा है, वह लोकतांत्रिक है?
संजय राउत शुरू से ही विद्रोहियों को धमका रहे
शिवसेना नेता संजय राउत पार्टी में बगावत के बाद से ही विद्रोहियों पर निशाना साधते आ रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि कब तक रहोगे गुवाहाटी में, कभी तो आओगे चौपाटी में। उन्होंने बागियों को मृतदेह तक करार दे दिया है। राउत ने रविवार को उपनगर दहिसर की शिवसेना रैली को संबोधित करते हुए फिर महाराष्ट्र के विभाजन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भाजपा महाराष्ट्र को तोड़ना चाहती है। इससे पहले, भी राउत ने कहा था कि शिवसैनिकों में आग है जो भड़क रही है। यह भड़कती रहनी चाहिए।
विद्रोहियों के समर्थक भी देने लगे मुहंतोड़ जवाब
अब विद्रोही विधायकों के समर्थक भी शिवसेना को मुंहतोड़ जवाब देने लगे हैं। एक दिन पहले एकनाथ शिंदे के गढ़ ठाणे में शिंदे के सांसद पुत्र श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में विद्रोहियों के समर्थन में एक रैली का आयोजन किया गया। रविवार को कोल्हापुर और शिल्लोड में क्रमश: वहां के विधायकों प्रकाश आरबेडकर व अब्दुल सत्तार के पक्ष में उनके समर्थकों ने रैली निकाली।
दीवक केसरकर का संजय राउत पर निशाना
शिंदे गुट की ओर से इन दिनों प्रेस से बात कर रहे विधायक दीपक केसरकर ने रविवार को भी संजय राउत को मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा कि उनके जैसा प्रवक्ता जिस दल को मिले वह कभी आगे नहीं जा सकता। एक दिन पहले भी केसरकर ने कहा था कि विद्रोही विधायकों अपने नेता शिंद के आदेश पर हैं, नहीं तो शिवसैनिकों को मुंहतोड़ जवाब देने उन्हें भी आता है। उन्होंने यह भी कहा था कि राजनीतिक घटनाक्रम के खत्म होने के बाद शिवसैनिकों को जवाब दिया जाएगा।