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शीना बोरा हत्याकांड में पीटर मुखर्जी गिरफ्तार

चर्चित शीना बोरा हत्याकांड में सीबीआइ ने पीटर मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया है। मीडिया जगत की हस्ती रहे पीटर मुखर्जी शीना की मां इंद्राणी के तीसरे पति हैं। जांच एजेंसी ने गुरुवार को ही यहां की अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2015 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2015 03:07 AM (IST)
शीना बोरा हत्याकांड में पीटर मुखर्जी गिरफ्तार

मुंबई। चर्चित शीना बोरा हत्याकांड में सीबीआइ ने पीटर मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया है। मीडिया जगत की हस्ती रहे पीटर मुखर्जी शीना की मां इंद्राणी के तीसरे पति हैं। इस कांड में इंद्राणी, उनके पूर्व पति संजीव खन्ना और ड्राइवर श्याम राय अभी न्यायिक हिरासत में हैं। जांच एजेंसी ने गुरुवार को ही यहां की अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। आरोप पत्र में इंद्राणी सहित तीन को मुख्य आरोपी बनाया गया है। सीबीआइ प्रवक्ता ने कहा है कि जांच में नाम आने के बाद पीटर को गिरफ्तार किया गया है।

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प्रवक्ता ने पीटर की गिरफ्तारी के बारे में और कोई ब्योरा देने से मना कर दिया। जांच एजेंसी के सूत्र ने कहा कि आरोपियों को छिपाने और बयान में भिन्नता पाए जाने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। गुरुवार को पूछताछ के बाद पीटर को गिरफ्तार किया गया। उन्हें अभी सीबीआइ के विशेष कार्यबल के कार्यालय में रखा गया है और शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा।

अप्रैल 2012 में इंद्राणी ने अपने पूर्व पति संजीव खन्ना और ड्राइवर श्याम राय के साथ मिलकर 24 वर्षीया शीना की हत्या की थी। उसके शव को रायगढ़ जिले के जंगल में फेंक दिया था। किसी और मामले में पूछताछ के दौरान श्याम राय ने इसका खुलासा किया। अभी से तीन माह पहले जंगल से शीना का अवशेष बरामद किया गया था। अवशेष शीना के होने की पुष्टि के लिए पुलिस ने फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ली।

दक्षिण मुंबई की अदालत में मजिस्टे्रट आरवी एडोन के सामने पेश एक हजार पृष्ठों से ज्यादा के आरोप पत्र में 150 से अधिक गवाहों के बयान, 200 दस्तावेज शामिल हैं। इसके अलावा मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए गए सात बयान भी आरोप पत्र में हैं। इंद्राणी, खन्ना और राय को मुख्य आरोपी बनाया गया है। इसी वर्ष अगस्त महीने में सभी गिरफ्तार किए गए। तीनों की न्यायिक हिरासत की अवधि शुक्रवार को खत्म हो जाएगी।

इस सनसनी खेज मामले की जांच मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त राकेश मारिया कर रहे थे। धन की हेराफेरी और विभिन्न पहलुओं के संदेह में महाराष्ट्र सरकार ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने की सिफारिश की थी। 29 सितंबर को मामला सीबीआइ के हवाले कर दिया गया।


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