Palghar lynching Case: पालघर मामले में दो नाबालिगों के विरुद्ध चार्जशीट पेश
Palghar lynching case पालघर में दो साधुओं सहित तीन लोगों की पीट-पीटकर हुई हत्या के मामले में आज जांच एजेंसी सीआईडी ने दो नाबालिगों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर दी।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। पालघर में दो साधुओं सहित तीन लोगों की पीट-पीटकर हुई हत्या के मामले में आज जांच एजेंसी सीआईडी ने दो नाबालिगों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर दी। 16 अप्रैल को हुई इस घटना के मामले में 154 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 11 नाबालिगों को भी हिरासत में लिया गया है। राज्य सीआईडी के अनुसार दो नाबालिग आरोपियों के विरुद्ध आज भिवंडी की एक अदालत में चार्जशीट पेश कर दी गई। पिछले महीने सीआईडी इसी मामले में वयस्क आरोपियों के विरुद्ध भी दो चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। लेकिन आज पेश चार्जशीट में नौ अन्य नाबालिग आरोपियों के नाम शामिल नहीं हैं।
16 अप्रैल की रात हुई इस घटना में दो साधू चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरि (70) एवं सुशील गिरि महाराज (35) एक कार से महाराष्ट्र से गुजरात की ओर जा रहे थे। जहां रास्ते में पालघर जनपद के गढ़चिंचले गांव के पास ग्रामीणों की एक बड़ी भीड़ ने दोनों साधुओं एवं उनके ड्राइवर की पुलिस के सामने ही पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। ये साधू जूना अखाड़े से संबंधित थे, और गुजरात में जूना अखाड़े के ही एक साधू की अंत्येष्टि में भाग लेने जा रहे थे।
दोनों साधुओं की हत्या ने महाराष्ट्र में राजनीतिक रंग ले लिया था। शिवसेनानीत महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार पर चारों तरफ से उंगलियां उठने लगी थीं। शिवसेना के हिंदुत्व के एजेंडे पर भी प्रश्नचिह्न लगने लगा था। चूंकि साधुओं की हत्या पुलिस के सामने ही हुई थी, इसलिए जांच में स्थानीय पुलिस पर लोगों का भरोसा नहीं था। जांच सीबीआई से कराने की मांग उठने लगी थी। लेकिन राज्य सरकार ने सीबीआई के बजाय सीआईडी से जांच कराने का निर्णय किया और इस घटना से संबंधित थाना क्षेत्र के 35 पुलिसकर्मियों को तत्काल स्थानांतरित कर दिया था। सीआईडी ने इस मामले में तीन एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। सीआईडी ने आरोपियों पर हत्या, हथियारों के साथ दंगा करने एवं पुलिसकर्मियों को कर्तव्य पालन से रोकने की धाराएं लगाई गई हैं।