2012 Nirbhaya Case: शिवसेना के सामना में निर्भया का जिक्र कहा, कानून की कमियां जिम्मेदार
2012 Nirbhaya Case निर्भया केस के दोषियों को फांसी देने के मामले में हो रही देरी पर शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा गया है कि ये देरी न्यायिक तंत्र की कमियों के कारण हो रही है।
मुंबई, प्रेट्र। महाराष्ट्र में शिवसेना ने वीरवार को कहा कि 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म व हत्या मामले में दोषियों फांसी देने में लगातार हो रही देर न्यायिक तंत्र की कमियों के कारण हो रही है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में प्रकाशित एक संपादकीय माध्यम से कहा कि उम्मीद है कि निर्भया माले में दोषियों को फांसी देने में हो रही देरी से न्यायपालिका से लोगों का भरोसा खत्म नहीं होगा।
शिवसेना का कहना है कि अदालतें मौजूदा कानून के प्रावधानों के कारण बाध्य रही होगी लेकिन दोषियों को सजा देने में देरी नहीं की जानी चाहिये। वह भी तब जब सर्वोच्च न्यायालय ने दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा हो।
मुखपत्र सामना का कहना है कि राष्ट्रपति ने उनकी दया याचिकाएं खारिज की, के मृत्यु वारंट जारी किए गए तथा फांसी की तिथि तथा समय तय किए गये। उसने कहा, 'मौजूदा कानून में कमियां मौत की सजा तामील करने के मार्ग में नहीं आनी चाहिए। ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं नहीं होनी चाहिए। '
निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामला
दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 की देर शाम चली हुई चार्टड बस में छह लड़कों ने निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घिनौनी घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद मौत औ जिंदगी की जंग लड़ते-लड़ते निर्भया की मौत हो गयी थी। पुलिस ने इस घटना के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इस दौरान एक आरोपी ने जेल में ही फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी। वहीं एक आरोपी को नाबालिग होने का फायदा हो गया जबकि अन्य चार आरोपियों को कोर्ट ने दोषी मान फांसी की सजा का ऐलान किया था। गौरतलब है कि तीन मार्च को निर्भया केस में दोषियों की फांसी टल गई थी। चारों दोषियों के पास बचने के लिए अब कोई लाइफलाइन नहीं बची है इसके साथ ही अब चारों दोषियों की फांसी का रास्ता साफ होता दिख रहा है। ताजा मिली जानकारी के अनुसार अब 20 मार्च को सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर चारों दोषियों को फांसी दी जाएगी।
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