NIA ने ठुकरायी सचिन वाझे की अपील, कोर्ट से मांगी थी घर में ही नजरबंद होने की अनुमति
मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी सचिन वाझे ( Sachin Waze) की अपील NIA Court में खारिज हो गई है। वाझे का 13 सितंबर को दिल का ऑपरेशन (Heart bypass surgery) हुआ था जिसके बाद उसने आराम के लिए घर में नजरबंद (House Arrest) होने की अपील की थी।
मुंबई, एएनआइ। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत ने बुधवार को मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के पूर्व अधिकारी सचिन वाझे (Sachin Waze) की अपील को खारिज कर दिया है। वाझे ने कोर्ट से अपील की थी की हार्ट सर्जरी (Heart Surgery ) के बाद रिकवरी तक उसे तीन महीने के लिए घर में ही नजरबंद रखने की अनुमति दे दी जाये। सचिन वाझे केा इसके बजाय तलोजा जेल अस्पताल (Taloja Jail Hospital) में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।कोर्ट ने हालांकि उन्हें घर का खाना पहुंचाने की इजाजत दी है और कहा है कि आपात स्थिति में उन्हें जेजे अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता है।
बता दें कि 13 सितंबर को एक निजी अस्पताल में उनकी दिल की बाईपास सर्जरी हुई थी। वाझे ने अपने आवेदन में तीन महीने की अवधि के लिए नजरबंद होने की मांग करते हुए कहा था कि उनकी पांच ग्राफ्ट्स के साथ एक जटिल हृदय शल्य चिकित्सा हुई थी और जेल के वातावरण में उन्हें संक्रमण होने का खतरा है। वाझे अपने घर पर सात पुलिस गार्ड तैनात करने का खर्च उठाने के लिए भी तैयार था।
वाझे के वकील ने कोर्ट से कहा था कि फरार होने का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि वाझे पुलिस की हिरासत में होंगे सुरक्षा कर्मचारी भी वहीं मौजूद रहेंगे। उनकी पत्नी और बेटी उनसे सिर्फ दवा और खाने के लिए ही मिलेंगे। ये केवल वाझे को स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने के इरादे से और आरोपी को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध करवाने के लिए अनुमति मांगी जा रही है। वकील ने तर्क देते हुए कहा कि जेल में तपेदिक की बीमारी जेल में होने वाले जानलेवा संक्रमणों में से एक है।
विशेष एनआईए न्यायाधीश एटी वानखेड़े ने निजी अस्पताल से वाझे की रिपोर्ट का अध्ययन करते हुए कहा कि रिपोर्ट के अनुसार वह चार से पांच सप्ताह के भीतर ठीक हो जाएगा और सामान्य जीवन जी सकता है, घर में नजरबंद करने की कोई आवश्यकता नहीं है। एनआईए का प्रतिनिधित्व करने वाले विशेष लोक अभियोजक ने तर्क देते हुए कहा कि हाउस कस्टडी की आड़ में आरोपी अंतरिम जमानत की मांग कर रहा था।
अस्पताल से छुट्टी के बाद देखभाल के निर्देश दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि आरोपी अपना दिन-प्रतिदिन का काम शुरू कर सकता है। वास्तव में, छह सप्ताह के बाद, वह भारी-भरकम काम शुरू कर सकता है।" आरोपी चाहता है कि उसे जेल से दूर रखा जाए। "अगर इसकी अनुमति दी गई तो आगे की जांच में बाधा आ सकती है।