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Cyclone Nisarga के बाद बारिश ने बढ़ायी मुंबईवासियों की परेशानी, सायन इलाके में जल-जमाव

Mumbai Rains महाराष्ट्र में कई इलाकों में वीरवार सुबह से बारिश हो रही है जिससे जगह -जगह जलभराव की समस्‍या पैदा हो गई है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 12:35 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 12:35 PM (IST)
Cyclone Nisarga के बाद बारिश ने बढ़ायी मुंबईवासियों की परेशानी, सायन इलाके में जल-जमाव
Cyclone Nisarga के बाद बारिश ने बढ़ायी मुंबईवासियों की परेशानी, सायन इलाके में जल-जमाव

मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र में भयावह चक्रवाती तूफान की तबाही के बाद वीरवार सुबह से शुरु हुई बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। महानगरीय क्षेत्र के साथ, ठाणे और नवी मुंबई के उपनगरों और पड़ोसी शहरों में सुबह 8 से 11 बजे के बीच भारी बारिश दर्ज की गई। बारिश के कारण मुंबई के सायन क्षेत्र के कुछ हिस्सों में पानी भर गया।

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मुंबई के केंद्र में स्थित सायन क्षेत्र में मूसलाधार बारिश होने के कारण सड़कों पर काफी ज्‍यादा पानी भर गया। परेल के साथ लगा ये इलाका मुंबई के निचले हिस्‍सों में आता है इसलिये यहां सबसे अधिक जल-जमाव की समस्‍या रहती है।  

गौरतलब है कि हर साल बारिश के कारण मुंबई की स्थिति काफी खराब हो जाती है, बीते वर्ष भी राज्‍य में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी। कोरोना वायरस संकट के बीच आगामी मानसून की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कुछ दिन पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक महत्वपूर्ण बैठक की थी, इस बैठक में मानसून की तैयारियों, चुनौतियों और संभावनाओं के ऊपर विस्‍तार से चर्चा की गई थी। इस अहम बैठक में कैबिनेट के मंत्रियों के साथ-साथ कई सरकारी अधिकारी भी मौजूद थे।  

शहर में 400 किमी के नालों की सफाई का सर्वेक्षण ड्रोन द्वारा किया जा चुका है। मिठी नदी की सफाई का लगभग 77% काम पूरा हो चुका है। 324 पानी के पंप तैयार हैं और 6,000 लीटर प्रति सेकंड की दर से पानी को पंप करने की व्यवस्था भी गई है।

बीते वर्ष हुआ भारी नुकसान 

बीते वर्ष महाराष्ट्र में मानसून से बहुत ज्यादा नुकसान हुआ था। सांगली, सातारा, कोल्हापुर जैसे जिलों में बाढ़ के चलते फसल धनसंपदा की हानि हुई थी। मुंबई के नजदीक बदलापुर में महालक्ष्मी एक्सप्रेस पानी के बीच फंस गई थी और अत्‍याधिक बारिश के कारण मुंबई शहर कई बार पानी में डूबा था। पिछली घटनाओं को देखते हुए इस साल सरकार तैयार है। मानसून को लेकर मुख्यमंत्री की तरफ से बैठकों का दौर जारी है कोशिश है कि इस बार मानसून से  महाराष्ट्र को नुकसान न पहुंचे।  


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