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Maharashtra: मुंबई पुलिस ने हाई कोर्ट से कहा, रिपब्लिक टीवी के खिलाफ सुबूत

Maharashtra मुंबई पुलिस ने कोर्ट को आश्वस्त किया है कि वह तब तक आरोपितों पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करने के अपने आश्वासन पर कायम रहेगी। कपित सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि ब्रॉडकास्ट आडिएंस रिसर्च काउंसिल की जांच के दौरान पुलिस को रिपब्लिक टीवी के खिलाफ सुबूत मिले हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 09:20 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 09:20 PM (IST)
Maharashtra: मुंबई पुलिस ने हाई कोर्ट से कहा, रिपब्लिक टीवी के खिलाफ सुबूत
मुंबई पुलिस ने हाई कोर्ट से कहा, रिपब्लिक टीवी के खिलाफ सुबूत। फाइल फोटो

मुंबई, राज्य ब्यूरो। Maharashtra: मुंबई पुलिस ने बांबे हाई कोर्ट को सूचित किया है कि कथित टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) घोटाले में उसे रिपब्लिक टीवी व उसके संपादक अर्नब गोस्वामी के खिलाफ सुबूत मिले हैं। इसलिए वह इस मामले में आरोपितों को गिरफ्तारी से राहत देने की इच्छुक नहीं है। लेकिन उच्च न्यायालय ने कोई भी दलील सुने बगैर ही सुनवाई 15 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी तो मुंबई पुलिस भी तब तक कोई दंडात्मक कदम न उठाने पर सहमत हो गई है। बुधवार को रिपब्लिक टीवी के अधिवक्ता हरीश साल्वे के कोर्ट में उपस्थित न हो पाने के कारण इस मामले में बहस नहीं हो सकी। उनकी अनुपस्थिति में रिपब्लिक टीवी की ओर से पेश अधिवक्ता की अपील पर जस्टिस एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 15 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी।

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इस पर मुंबई पुलिस ने कोर्ट को आश्वस्त किया है कि वह तब तक आरोपितों पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करने के अपने आश्वासन पर कायम रहेगी। इससे पहले मुंबई पुलिस की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपित सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि ब्रॉडकास्ट आडिएंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) की जांच के दौरान पुलिस को रिपब्लिक टीवी व उसके संपादक अर्नब गोस्वामी के खिलाफ सुबूत मिले हैं। इसलिए हम आरोपितों को गिरफ्तारी से दी गई राहत को जारी रखने के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन कोर्ट ने प्रतिवादियों के वकीलों की अनुपस्थिति के कारण आज सुनवाई स्थगित कर दी। सिब्बल ने कोर्ट को यह भी बताया कि पुलिस अगली सुनवाई पर जांच की स्टेटस रिपोर्ट भी जमा करेगी। रिपब्लिक टीवी की संचालक कंपनी एआरजी आउटलियर मीडिया (एओएम) ने पिछले साल दिसंबर में सुनवाई के दौरान कोर्ट से उसके कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस को दंडात्मक कार्रवाई करने से रोकने अनुरोध किया था। कोर्ट के निर्देश पर ही मुंबई पुलिस ने छह जनवरी तक दंडात्मक कार्रवाई न करने का आश्वासन दिया था, जो अब अगली सुनवाई 15 जनवरी तक जारी रहेगा।

दूसरी ओर, टीआरपी घोटाले से ही जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में कोर्ट ने बीएआरसी (ब्राडकास्ट आर्डिएंस रिसर्च काउंसिल) के सीईओ पार्थो दासगुप्ता की अहम भूमिका मानी है। चार जनवरी को दासगुप्ता की जमानत याचिका खारिज करते हुए मुंबई की एक अदालत ने टिप्पणी की कि मौजूदा याचिकाकर्ता ने अपराध में अहम भूमिका निभाई है। अदालत के अनुसार जांच अधिकारी द्वारा जमा किए गए सुबूत बताते हैं कि सीईओ पार्थो दासगुप्ता ने अपने पद का इस्तेमाल करते हुए कुछ खास चैनलों के लिए टीआरपी रेटिंग में छेड़छाड़ की। दासगुप्ता जून 2013 से नवंबर 2019 तक ब्राडकास्ट आडिएंस रिसर्च काउंसिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे। अदालत ने माना है कि इस मामले में अन्य व्यक्तियों से अब भी पूछताछ बाकी है। ऐसी परिस्थितियों में जरूरी है कि मौजूदा आरोपित को वांछित आरोपितों, सुबूतों एवं गवाहों से दूर रखा जाए। अदालत का मानना है कि दासगुप्ता को जमानत पर रिहा करने से जांच बाधित हो सकती है। टीआरपी घोटाला सामने आने के बाद मुंबई पुलिस ने दासगुप्ता को पिछले वर्ष दिसंबर में गिरफ्तार किया था।

अन्वय नाइक मामले में अर्नब ने हाईकोर्ट से मांगा समय

अन्वय नाइक आत्महत्या मामले में आरोपित रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी ने इस मामले से जुड़े आरोपपत्र को रिकॉर्ड पर लाने के लिए उच्च न्यायालय से समय की मांग की है। बुधवार को उनके वकील निरंजन मुंदरगी ने कोर्ट से कहा कि मामले से जुड़ा आरोपपत्र काफी बड़ा एवं मराठी में है। इसके अनुवाद में थोड़ा वक्त लगेगा। इसके अलावा मुंदरगी ने याचिका में संशोधन की मांग भी की है। आर्किटेक्ट अन्वय नाइक मामले में अर्नब गोस्वामी जमानत पर रिहा हैं। उन पर 2018 के इस मामले में अन्वय नाइक को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।

शुरुआत में अर्नब ने इस मामले में दर्ज एफआइआर रद करने के लिए याचिका दायर की थी। लेकिन अब वह याचिका में बदलाव कर इस प्रकरण से जुड़े आरोपपत्र को चुनौती देना चाहते हैं। पिछले माह अलीबाग की स्थानीय अदालत ने उस आरोपपत्र का संज्ञान लेते हुए अर्नब सहित दो अन्य आरोपितों को सात जनवरी, 2021 को अदालत में हाजिर होने के निर्देश दिए थे। इस मामले के एक अन्य आरोपित नीतीश शारदा के वकील विजय अग्रवाल ने उच्च न्यायालय को इस आदेश की जानकारी देने पर उच्च न्यायालय ने उन्हें अलीबाग कोर्ट में सात जनवरी को हाजिर होने के निर्देश दिए एवं अर्नब की याचिका पर सुनवाई 21 फरवरी, 2021 तक के लिए स्थगित कर दी।


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