महाराष्ट्र के पूर्व एटीएस प्रमुख हिमांशु रॉय ने सर्विस रिवॉल्वर से खुद को मारी गोली
रॉय अस्थियों के कैंसर से पीड़ित होने के कारण पिछले दो साल से मेडिकल अवकाश पर थे। उनका इलाज चल रहा था
मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रैंक के अधिकारी हिमांशु रॉय ने आज खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। रॉय पिछले तीन साल से अस्थियों के कैंसर से पीड़ित थे। माना जा रहा है कि गहन अवसादवश उन्होंने यह कदम उठाया।
मुंबई के पुलिस विभाग में संयुक्त आयुक्त (अपराध शाखा) एवं आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) जैसी महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके हिमांशु रॉय 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। 23 जून, 1963 को मुंबई में ही जन्मे एवं पले-बढ़े रॉय की गिनती हाल के दिनों के तेजतर्रार पुलिस अधिकारियों में होती थी। उनके नेतृत्व में कई महत्त्वपूर्ण मामलों का खुलासा हुआ। मुंबई पुलिस में साइबर क्राइम विभाग की स्थापना भी उन्होंने ही तत्कालीन पुलिस आयुक्त डी.शिवनंदन के सुझाव पर की थी।
शुक्रवार को दोपहर करीब 12.40 बजे रॉय ने खुद को अपने लाइसेंसी निजी रिवाल्वर से गोली मार ली। घटना के बाद दक्षिण मुंबई स्थित उनके आवास से उन्हें बॉम्बे हॉस्पिटल लाया गया। लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उनकी मृत्यु हो चुकी थी। मुंबई पुलिस द्वारा जारी एक प्रेसविज्ञप्ति में कहा गया है कि रॉय अस्थियों के कैंसर से पीड़ित होने के कारण पिछले दो साल से मेडिकल अवकाश पर थे। उनका इलाज चल रहा था। इस बीमारी के कारण ही वह अवसाद में थे। विज्ञप्ति के अनुसार यह जानकारी उनके द्वारा आत्महत्या से पहले लिखे गए एक पत्र से ज्ञात हुई । रॉय के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जी.टी.हॉस्पिटल भेज दिया गया था। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
रॉय की आत्महत्या से पूरी पुलिस बिरादरी सन्न रही गई। आईपीएस एसोसिएशन ने अपने एक तेजतर्रार साथी के जाने पर दुख जाहिर किया है। साथ ही, उनके अधिकारी रह चुके मुंबई के कई पूर्व पुलिस आयुक्तों ने भी उन्हें याद करते हुए उनकी आत्महत्या पर अचरज व्यक्त किया है। पूर्व पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक के अनुसार तीन माह पहले ही उनसे बातचीत में हिमांशु रॉय ने खुद को बीमारी के कारण बहुत तकलीफ होने की बात कही थी। उन्होंने पटनायक से किसी विशेषज्ञ डॉक्टर की भी जानकारी मांगी थी।
रॉय को दक्षिण मुंबई क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त की जिम्मेदारी सौंपने वाले पूर्व पुलिस आयुक्त एम.एन.सिंह ने इस खबर पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस विभाग में अक्सर अधिकारियों को अनवरत काम करना पड़ता है। जिसका असर उनकी सेहत पर पड़ता है। एक और पुलिस आयुक्त डी.शिवनंदन ने भी हिमांशु रॉय की मौत पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा बताया कि संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) रहते हुए उनके ही सुझाव पर रॉय ने मुंबई में पहली बार साइबर क्राइम शाखा की स्थापना की थी।
कई महत्त्वपूर्ण मामलों से जुड़े रहे रॉय
- 2013 के आईपीएस स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच का श्रेय हिमांशु रॉय को ही जाता है। इसी मामले में उन्होंने चेन्नई सुपरकिंग के मालिक एन.श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मय्यपन, बिंदू दारासिंह एवं क्रिकेटर एस.श्रीसंत को गिरफ्तार किया था।
- रॉय 2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमले की जांच टीम का भी हिस्सा रहे। इसी मामले से जुड़े लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी डेविड हेडली द्वारा मुंबई के विभिन्न स्थानों की रेकी करने का खुलासा भी रॉय की जांच में ही हुआ था।
- मुंबई में हुई वरिष्ठ पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या के मामले की जांच भी हिमांशु राय के नेतृत्व में ही हुई थी। हाल ही में इस मामले का फैसला आ चुका है। जिसमें गैंगस्टर छोटा राजन सहित नौ दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
- इगतपुरी के लैला खान एवं मुंबई के पल्लवी पुरकायस्थ मामलों की जांच भी हिमांशु राय की टीम द्वारा ही की गई थी।
- 11 जुलाई, 2006 को पश्चिम रेलवे की उपनगरीय ट्रेन में हुए सिलसिलेवार धमाकों की जांच में रॉय शामिल रहे थे। इन धमाकों में 209 लोग मारे गए थे, 700 घायल हुए थे।