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लहरों पर जिया राय का शौर्य प्रदर्शन, अब इंग्लिश चैनल में इतिहास रचने को तैयार

भारतीय नौसैनिक मदन राय की 12 वर्षीय बेटी जिया राय ने 17 फरवरी को ऑटिज्म के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए आठ घंटा 40 मिनट में बांद्रा-वर्ली सी-लिंक से गेट वे ऑफ इंडिया तक की दूरी तय की। यह विश्व रिकॉर्ड है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 02:21 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 02:21 PM (IST)
लहरों पर जिया राय का शौर्य प्रदर्शन, अब इंग्लिश चैनल में इतिहास रचने को तैयार
ऑटिज्म सोसायटी ऑफ इंडिया ने जिया को ब्रांड एंबेसडर बना लिया।

ओमप्रकाश तिवारी। हौसले मजबूत हों, और अपनों का साथ मिले, तो कोई भी लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नहीं होता। 12 वर्षीया जिया राय पर यह बात अक्षरश: लागू होती है। ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसॉर्डर नाम की दिमागी बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद जिया अरब सागर में तैरते हुए आठ घंटे, 40 मिनट में 36 किलोमीटर की दूरी पूरी करके अपने ही पिछले रिकॉर्ड को तोड़ने में कामयाब रही। 17 फरवरी को उन्होंने यह नया रिकॉर्ड जिया ने मुंबई के बांद्रा- वरली सी-लिंक से गेटवे ऑफ इंडिया तक तैर कर बनाया। इससे पहले एलीफेंटा से गेटवे आफ इंडिया तक 14 किलोमीटर की दूरी वह तीन घंटे, 27 मिनट में पूरी कर चुकी हैं।

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जिया कुलाबा के नेवी चिल्ड्रन स्कूल की सातवीं कक्षा की छात्रा है। उसके पिता मदन राय नौसेना में अधिकारी हैं। उनका परिवार आजमगढ़ की सगड़ी तहसील स्थित गांव कटाई अलीमुद्दीनपुर का मूल निवासी है। 10 मई, 2008 को जन्मी जिया जब अपना दूसरा जन्मदिन मना रही थी, तो उनके माता-पिता ने महसूस किया कि वह अपने हमउम्र बच्चों के साथ खेलने के बजाय एकांत में खेल रही है। उन दिनों वह कोचीन में तैनात थे। व्यवहार में यह अनोखापन देख मदन राय अपनी बेटी को डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने प्रारंभिक जांच करके जो बताया उससे मदन राय एवं उनकी पत्नी रचना राय के पैरों तले की जमीन खिसक गई।

डॉक्टर की बात सुन पैरों तले जमीन खिसक गई: दरअसल जिया ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसार्डर से पीड़ित थी। इस बीमारी से ग्रस्त बच्चों का बौद्धिक विकास धीमा होता है। डॉक्टर ने बताया ऐसे बच्चे ज्यादा बोल नहीं सकते लेकिन उनमें ऊर्जा अन्य बच्चों से अधिक होती है। इसलिए उनमें चंचलता अधिक दिखाई देती है। ये सारे लक्षण जिया में भी नजर आने लगे थे। वह दिन में जब तक एकडेढ़ घंटा दौड़कर थक न जाए, तब तक उसे रात में नींद ही नहीं आती थी। भागने के लिए जगह नहीं थी तो स्र्विंमग पुल में उतारा: संयोग से तब तक मदन राय का स्थानांतरण गोवा हो चुका था। वहां बरसात का मौसम था। सड़क पर दो साल की बच्ची को दौड़ाने से उसके गिर जाने का खतरा था। तब मदन राय उसे लेकर एक दिन नेवी के स्वीमिंग पूल में गए। वहां उसे तैराकी सिखाना शुरू किया। जिया ने तैराकी जल्दी सीख भी ली और उसे इसमें मजा भी आने लगा। रोज एकडेढ़ घंटे तैरने के कारण थककर उसे नींद भी अच्छी आने लगी।

तैराकी देख कोच बोले- यह तो वीरेंद्र सहवाग स्टाइल में खेलना चाहती है: कुछ वर्ष बाद जब मदन राय का स्थानांतरण मुंबई हुआ, तो वह जिया को लेकर नेवी के स्वीमिंग पूल में गए। वहां के कोच उसे तकनीक के सहारे धीमे तैरने को कहते थे, लेकिन जिया लंबे हाथ-पांव चलाकर तेज तैरना चाहती थी। तभी एक स्वीमिंग कोच विद्याधर घरात ने जिया को तैरते हुए देखा। उन्होंने मदन राय से कहा कि आपकी बच्ची वीरेंद्र सहवाग स्टाइल में खेलना चाहती है। उसे राहुल द्रविण मत बनाओ। उसके बाद से घरात के दिशा-निर्देश में ही जिया की प्रैक्टिस शुरू हो गई।

22 साल बड़े लड़कों को हराकर रिकॉर्ड बनाया: जिया को स्वीमिंग पूल के अलावा समुद्र में भी यदा-कदा तैराया जाने लगा। पिछले साल 15 फरवरी, 2020 को एलीफैंटा से गेटवे आफ इंडिया तक 3 घंटे 27 मिनट में तैरकर उसने अपना नाम इंडिया बुक आफ रिकार्ड एवं एशिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज कराया। इससे पहले स्वीडन मूल का एक आटिज्म पीड़ित लड़का 4 घंटे, 21 मिनट में पांच किलोमीटर की तैराकी कर चुका था। जिया का रिकॉर्ड उससे काफी बेहतर था। लॉक डाउन के बाद पिछले वर्ष पांच नवंबर 2020 से जब राष्ट्रीय एवं राज्य तैराकों की प्रैक्टिस के लिए महाराष्ट्र के स्वीमिंग पूल फिर से खुले तो अरब सागर में अर्नाला किला से वसई किला तक 22 किलोमीटर की तैराकी प्रतियोगिता में जिया ने चार लड़कों के साथ हिस्सा लिया। इन सभी लड़कों की उम्र 22 वर्ष से ऊपर थी। इस प्रतियोगिता में भी जिया 10 किलोमीटर तक अन्य लोगों से आगे रही। लेकिन प्रतियोगिता खत्म होने तक वह अपने उम्र में बड़े अनुभवी तैराकों से करीब 22 मिनट पीछे रह गई।

लेकिन जब उसने 22 किलोमीटर की दूरी सात घंटे, चार मिनट में पूरी की, तो यह निश्चित हो गई कि 17 फरवरी को बांद्रा-वरली सी लिंक से गेटवे ऑफ इंडिया तक 36 किलोमीटर की दूरी भी वह तय कर सकती है। बुधवार यही दूरी उसने आठ घंटे, 40 मिनट में पूरी कर एक नया रिकार्ड स्थापित किया। जिया की यह तैराकी बुधवार को तड़के 3.50 बजे शुरू हुई थी, और दोपहर 12.30 बजे खत्म हुई। समुद्र में इस प्रकार की तैराकी के दौरान 15 मीटर की दूरी पर दो नौकाएं समांतर चलती हैं, जिनके बीच तैराक को आगे बढ़ना होता है। इनमें से एक नाव पर अंतरराष्ट्रीय मापदंड के अनुसार एक केसरिया झंडा लेकर पायलट बैठता है। जिया के इस सफर में भारतीय नौसेना भी काफी मदद कर रही है। करीब साढ़े आठ घंटे की पूरी तैराकी के दौरान नौसेना का एक चेतक हेलीकाप्टर जिया के ऊपर चलता रहा था। रात के अंधेरे में इस हेलीकाप्टर से नीचे फेंकी जा रही रोशनी जिया के लिए मददगार बनी। नौसेना का ही एक प्रकोष्ठ समुद्र में ज्वार- भाटा एवं तैराकी के लिए अनुकूल मौसम की जानकारी भी मुहैया कराता है।

अब इंग्लिश, कैटलिना और जिब्राल्टर चैनल में इतिहास रचने को तैयार, कर रही है बुलावे का इंतजार: फिलहाल जिया 20 से 22 मार्च तक बेंगलूरु में होनेवाली नेशनल पैरा स्वीमिंग चैंपियनशिप की तैयारी में व्यस्त है। वहां वह यूथ एशिया एवं पैरा ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। उसके पिता मदन राय कहते हैं कि इंग्लिश चैनल की 28 किलोमीटर की दूरी तय करने में भी जिया सक्षम है। क्योंकि उसने 36 किलोमीटर की दूरी अभी तय करके दिखाई है। लेकिन इंग्लिश चैनल स्वीमिंग फोरम 16 वर्ष के कम आयु के लोगों को इसकी अनुमति नहीं देता। वह कहते हैं कि यदि अनुमति मिले तो जिया न केवल इंग्लिश चैनल, बल्कि 34 किलोमीटर के कैटलीना चैनल एवं 16 किलोमीटर के स्टेट ऑफ जिब्राल्टर को भी पार कर भारत के लिए एक इतिहास रच सकती है।


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