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Kerala Plane Crash: कैप्टन दीपक साठे का पार्थिव शरीर एयर इंडिया बिल्डिंग में लाया गया

Kerala Plane Crash एयर इंडिया एक्सप्रेस की क्रैश लैंडिग के दौरान जान गंवाने वाले कैप्टन दीपक साठे का पार्थिव शरीर रविवार को मुंबई में एयर इंडिया बिल्डिंग में लाया गया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 04:46 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 04:46 PM (IST)
Kerala Plane Crash: कैप्टन दीपक साठे का पार्थिव शरीर एयर इंडिया बिल्डिंग में लाया गया
Kerala Plane Crash: कैप्टन दीपक साठे का पार्थिव शरीर एयर इंडिया बिल्डिंग में लाया गया

मुंबई, एएनआइ। केरल के कोझिकोड एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस की क्रैश लैंडिग के दौरान जान गंवाने वाले कैप्टन दीपक साठे का पार्थिव शरीर रविवार को मुंबई में एयर इंडिया बिल्डिंग में लाया गया। यहां उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।  इधर, उनके भतीजे यशोधन साठे ने बताया कि दीपक शनिवार को अपनी मां के जन्मदिन पर अचानक उनके पास पहुंचने की तैयारी में थे। शनिवार को उनकी मां का 84 वां जन्मदिन था। यशोधन साठे ने बताया कि अपने परिजनों से कैप्टन की आखिरी मुलाकात मार्च में हुई थी। उसके बाद से वह लगातार फोन पर ही उनके संपर्क में थे। कैप्टन ने कुछ रिश्तेदारों से कहा था कि अगर फ्लाइट में जगह मिली तो मां के जन्मदिन पर वह सरप्राइज विजिट करेंगे।

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कैप्टन साठे अपनी पत्नी के साथ मुंबई में रहते थे। उनकी मां नीला साठे और पिता वसंत साठे नागपुर में रहते हैं। कैप्टन की मां नीला साठे ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण उन्होंने मुझे बाहर निकलने से मना किया था। उनका कहना था कि मुझे कुछ होगा तो उन्हें अच्छा नहीं लगेगा। अचानक यह हादसा हो गया। भगवान की इच्छा के आगे हम क्या कर सकते हैं। वह बताती हैं कि कैप्टन साठे पढ़ाई से खेल तक हर क्षेत्र में अव्वल रहते थे। भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर रहे कैप्टन साठे महाराष्ट्र के पहले जवान थे, जिन्हें वायुसेना के सभी आठ पुरस्कार प्राप्त हुए थे।

मां नीला साठे ने बताया कि वह हमेशा लोगों की सहायता के लिए तत्पर रहते थे। गुजरात बाढ़ के समय उन्होंने कंधे पर बैठाकर कई बच्चों को बचाया था। कैप्टन साठे के दो पुत्र धनंजय और शांतनु हैं। धनंजय बेंगलुर में और शांतनु अमेरिका में रहते हैं। कैप्टन दीपक साठे को इस बात का गर्व था कि वंदे भारत मिशन के तहत वह विदेश में फंसे भारतीयों को स्वदेश ला रहे हैं। उनके चचेरे भाई नीलेश साठे ने अपनी फेसबुक पोस्ट में यह बात लिखी है। नीलेश ने पोस्ट में कैप्टन साठे से जु़ड़ी कई बातों का उल्लेख किया है। उन्होंने लिखा कि दीपक ने मुझे एक हफ्ते पहले फोन किया था। जब मैंने वंदे भारत मिशन के बारे में पूछा तो उन्होंने बड़े गर्व से कहा कि वह खाड़ी देशों से अपने देशवासियों को वापस ला रहे हैं।


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