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Cyclone Nisarga: 'निसर्ग' से महाराष्ट्र के तटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में भारी नुकसान

Cyclone Nisarga महाराष्ट्र में तूफान निसर्ग में मरने वालों की संख्या भी छह हो गई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 08:58 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 08:58 PM (IST)
Cyclone Nisarga: 'निसर्ग' से महाराष्ट्र के तटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में भारी नुकसान
Cyclone Nisarga: 'निसर्ग' से महाराष्ट्र के तटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में भारी नुकसान

राज्य ब्यूरो, मुंबई। Cyclone Nisarga: चक्रवात निसर्ग के महाराष्ट्र में प्रवेश करते समय उसकी गति भले धीमी हो गई हो फिर भी उसने तटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छा-खासा नुकसान पहुंचाया है। तूफान में मरने वालों की संख्या भी छह हो गई है। सभी प्रभावित जिलों के स्थानीय प्रशासन नुकसान का आकलन करने में जुट गए हैं। राज्य सरकार ने मृतकों के वारिसों को चार लाख रुपए की मदद देने की घोषणा की है।

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बुधवार को महाराष्ट्र के कोकण क्षेत्र से टकराए चक्रवाती तूफान का असर तटवर्ती सिंधुदुर्ग, रत्नागिरि, रायगढ़, मुंबई, ठाणे के साथ पुणे एवं नासिक आदि जिलों पर पड़ा है। तूफान के सीधे निशाने पर रहे रायगढ़ जनपद की डिप्टी कलेक्टर डॉ.पद्मश्री बानडे ने बताया कि जिले में एक लाख से अधिक पेड़ गिर गए हैं, और लाखों घरों को क्षति पहुंची है।

बिजली के खंभे एवं मोबाइल टावर गिरने से बिजली एवं संचार सुविधा पर भी असर पड़ा है। करीब 5000 हेक्टेयर कृषि को नुकसान पहुंचा है। खेती को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए टीमें निकल चुकी हैं। इस तटवर्ती जिले में मछलीपालन उद्योग को भी नुकसान पहुंचा है। 10 बड़ी नौकाओं को भी क्षति हुई है। रत्नागिरी के कलेक्टर के अनुसार वहां करीब 3000 पेड़ों के साथ 1962 ट्रांसफॉर्मरों एवं 14 विद्युत सबस्टेशनों को क्षति पहुंची है।

मुंबई एवं मुंबई उपनगर में भी करीब 80 स्थानों पर पेड़ गिरे हैं और दो घर ढह गए हैं। मुंबई के पड़ोसी जिले ठाणे में हालांकि तूफान का असर कम रहा लेकिन कच्चे घर तूफान का कहर नहीं झेल पाए। पालघर, नासिक, अहमदनगर एवं पुणे आदि जिलों में ज्यादा नुकसान कृषि का हुआ है। जिसका आकलन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तूफान से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए गुरुवार को बुलाई गई वर्चुअल बैठक में कहा कि भारत के पूर्वी समुद्री तटों पर ऐसे तूफान अक्सर आते रहते हैं। लेकिन पश्चिमी तट पर यह पहला मौका था। अब हमें भविष्य में इसके लिए भी तैयार रहना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रायगढ़ जिले में लोगों के घरों में खाना पकाने के लिए भी पानी नहीं है। उन्हें तत्काल खाद्यान्न वितरण की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ठाकरे ने खासतौर से अस्पतालों में विद्युत आपूर्ति जल्दी से जल्दी ठीक करने पर जोर दिया, ताकि कोविड-19 से लड़ने में उन्हें दिक्कत न आए।

प्रमुख सचिव राहत एवं पुनर्वास किशोर राजे निंबालकर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार तूफान के राज्य में औसतन 72.5 मिमी. बरसात हुई। सबसे ज्यादा 152 मिमी. बरसात जालना में हुई। बता दें कि चक्रवाती तूफान के अगले दिन यानी गुरुवार को भी सभी तटवर्ती जिलों सहित मुंबई, नासिक और पुणे में तेज हवा के साथ बरसात का दौर जारी रहा है। मुंबई में बरसात के कारण कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति का भी सामना करना पड़ा। एमएमआरडीए आयुक्त आर.ए.राजीव के अनुसार बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में कोविड-19 के मरीजों के रखने के लिए बनाया गया अस्थायी अस्पताल भी फिर से दुरुस्त कर लिया गया है।


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