मराठा आरक्षण: फड़नवीस बोले- करें जश्न की तैयारी, एक दिसंबर को मिलेगी अच्छी खबर
मराठा आरक्षण को लेकर पिछड़ा वर्ग आयोग ने मराठों को 16 फीसद आरक्षण देने की सिफारिश की है।
मुंबई, जेएनएन। मराठों आरक्षण के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग ने मराठों को आज 16 फीसद आरक्षण देने की सिफारिश की है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र में 30 फीसद आबादी मराठों की है, इसलिए उन्हें सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया जाने की जरूरत है।
इस बीच, अहमदनगर में एक रैली में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा है कि हमें पिछड़ा आयोग से मराठा आरक्षण पर रिपोर्ट मिली है। मैं आप सभी से एस दिसंबर को जश्न मनाने के लिए तैयार करने का अनुरोध करता हूं।
सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में कहा गया है कि मराठों को आरक्षण देने के दौरान ओबीसी कोटे में कोई परिवर्तन नहीं किया जाए। अगर इस आरक्षण पर मुहर लगती है तो सभी श्रेणी को मिलाकर राज्य में कुल 68 फीसद आरक्षण हो जाएगा, जबकि अभी राज्य में अलग-अलग वर्ग को मिलाकर 52 फीसद आरक्षण है।
सैकड़ों करोड़ की संपत्ति फूंक चुके आरक्षण मांग रहे मराठा
एक अनुमान के मुताबिक, पिछले काफी समय से चले आ रहे मराठा आंदोलन के दौरान अब तक राज्य परिवहन की बसें फूंककर ही 50 करोड़ रुपयों से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। तोडफ़ोड़ के डर से परिवहन विभाग ने अपनी बसें खड़ी रखीं। जिसके कारण राज्य की आम जनता को तकलीफ का सामना करना पड़ा। औरंगाबाद के एमआईडीसी क्षेत्र में अपने उद्योग चला रहे उद्यमियों ने चेतावनी दी थी कि है कि यदि बार-बार ऐसी ही स्थिति रही, तो वे अपने उद्योग औरंगाबाद से कहीं और ले जाने को मजबूर होंगे।
इस आंदोलन को लेकर तीन लोग कर चुके हैं खुदकुशी
सरकारी नौकरियों तथा शिक्षण संस्थाओं में 16 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर हुए इस आंदोलन में तीन लोग खुदकुशी भी कर चुके हैं। राज्य में करीब 30 फीसदी आबादी वाला मराठा समुदाय राज्य की राजनीति में खासा दबदबा रखता है। समुदाय के लोगों ने आरक्षण समेत कई अन्य मांगों के समर्थन में मूक मोर्चा भी निकाला और लगातार ये आंदोलन हिंसक होता गया।
इंटरनेट सेवाओं को रोका गया
बंद को सफल बनाने के लिए प्रदर्शनकारी जबरन दुकानें बंद करवायी। कुछ इलाकों में स्कूल आदि बंद कर दिए गए। इंटरनेट सेवाओं को रोका गया। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय कई वर्षों से सरकारी नौकरी में आरक्षण की मांग को लेकर अपनी आवाज उठा रहा है। आरक्षण को लेकर जब इस मांग को जब नहीं माना गया तो अब मराठा मोर्चा के सदस्यों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 30 फीसद से अधिक आबादी मराठा समुदाय की है। 288 सदस्यों की विधानसभा में भी 114 सदस्य मराठा समुदाय से हैं। मराठा समुदाय असंतुष्ट रहा तो लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा के समीकरण बिगड़ सकते हैं, इसलिए सरकार इस मसले को भविष्य की मुसीबत नहीं बनने देना चाहती है।