महाराष्ट्र बंद: पुणे सहित कुछ स्थानों पर हिंसक रहा आंदोलन
महाराष्ट्र बंद का असर मराठवाड़ा, पश्चिम महाराष्ट्र, कोकण, उत्तर महाराष्ट्र एवं विदर्भ सभी स्थानों पर असर देखने को मिला।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। शिक्षा एवं नौकरियों में आरक्षण की मांग करते हुए मराठा समाज द्वारा आहूत महाराष्ट्र बंद का गुरुवार को अच्छा-खासा असर नजर आया। पुणे सहित कुछ स्थानों पर आंदोलन हिंसक भी हुआ। मुंबई, ठाणे एवं नई मुंबई को बंद से बाहर रखने के बावजूद ये शहर भी बंद के आंशिक असर से अछूते नहीं रहे।
मराठा क्रांति मोर्चा द्वारा गुरुवार को आहूत महाराष्ट्र बंद का असर मराठवाड़ा, पश्चिम महाराष्ट्र, कोकण, उत्तर महाराष्ट्र एवं विदर्भ सभी स्थानों पर दिखाई दिया। चूंकि इस बंद का आह्वान काफी पहले से किया गया था, और पिछले 15 दिनों से राज्य के विभिन्न हिस्सों में मराठा आंदोलन का उग्र स्वरूप कहीं न कहीं नजर आ रहा था, इसलिए डर के मारे आम जनता ने स्वयं ही घर से निकलना उचित नहीं समझा। दुकानें बंद रखी गईं। राज्य एवं नगर निगम की बसें भी डिपो में ही खड़ी रहीं। क्योंकि पिछले पखवाड़े हुए आंदोलन में सर्वाधिक नुकसान सरकारी बसों को भी उठाना पड़ा था। मराठा समाज द्वारा आंदोलन को शांतिपूर्ण रखने का दावा किया गया था।
इसके बावजूद पुणे के चांदनी चौक क्षेत्र में आंदोलन हिंसक हो उठा। यहां हजारों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज एवं आंसूगैस छोड़नी पड़ी। पुणे के जिलाधिकारी कार्यालय को भी आंदोलनकारियों ने अपना निशाना बनाया। पुणे में कुछ सरकारी बसों को भी तोड़फोड़ का शिकार होना पड़ा। पुणे में आंदोलन के हिंसक होने के बाद वहां की अनेक तहसीलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कुछ समय के लिए बंद करनी पड़ीं।
राज्य में अनेक स्थानों पर सड़कों पर टायर जलाकर विरोधप्रदर्शन किया गया। साथ ही मराठा क्रांति मोर्चा के सदस्यो ने लगभग सभी जनपदों में जगह-जगह धरना देकर भी विरोध प्रदर्शन किया। ऐसा ही एक धरना मराठा छत्रप शरद पवार के पुश्तैनी गांव काटेवाड़ी में उनके घर के सामने हुआ। इस धरने में शरद पवार के भतीजे एवं महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार भी शामिल हुए। पुणे और नासिक के औद्योगिक क्षेत्र भी बंद से पूरी तरह प्रभावित रहे। मुंबई, नई मुंबई और ठाणे को हालांकि बंद से अलग रखा गया था, लेकिन पुणे, नासिक, रायगढ़ एवं पालघर जैसे पड़ोसी जिलों में बंद होने के कारण मुंबई-ठाणे की ओर आनेवाले वाहन लगभग बंद रहे। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे करीब छह घंटे बंद रहा। बंद प्रभावित अनेक इलाकों में लंबी दूरी की ट्रेनें भी रोकी गईं। जिसके कारण मुंबई से बाहर जानेवाले यात्रियों को भी प्रभावित होना पड़ा।
बता दें कि मराठा आंदोलन की शुरुआत दो वर्ष पहले नौ अगस्त को ही अहमदनगर से हुई थी। साल भर चले शांतिपूर्ण आंदोलन के दौरान मराठा समाज ने राज्य के सभी जिलों में 58 शांतिपूर्ण मोर्चे निकाले थे। इस श्रृंखला का अंतिम मोर्चा मुंबई में पिछले वर्ष नौ अगस्त को निकाला गया था। जिसमें सरकार ने मराठा समाज की सभी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था। अब तक मराठा समाज को आरक्षण की मांग पूरी न होने के कारण आंदोलन के दो वर्ष पूरे होने पर आज महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया गया था।
हिंसक आंदोलन के विरुद्ध जनहित याचिका
विभिन्न आंदोलनों के हिंसक होने के बाद उनसे होनेवाले नुकसान को रोकने के लिए आज मुंबई उच्चन्यायालय में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है। आशीष गिरि नामक एक वकील द्वारा दायर इस याचिका में कहा गया है कि आंदोलन के दौरान हिंसा करनेवालों की पहचान करके उनके विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस जनहित याचिका पर १३ अगस्त को सुनवाई होगी।