Coronavirus: महाराष्ट्र में भी होना था तब्लीगी जमात का सम्मेलन, इस तरह रोका
Coronavirus. तब्लीगी जमात ने जनवरी के महीने में मुंबई से 30 किमी दूर वसई कस्बे के पालघर में 14-15 मार्च को एक दिल्ली जैसा ही सम्मेलन कराने की अनुमति मांगी थी
मुंबई, आइएएनएस। Coronavirus. महाराष्ट्र सरकार ने पिछले महीने पालघर में तब्लीगी जमात को सम्मेलन करने की इजाजत न देकर दिल्ली जैसी तबाही को होने से रोक लिया है।
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि तब्लीगी जमात ने जनवरी के महीने में मुंबई से 30 किमी दूर वसई कस्बे के पालघर में 14-15 मार्च को एक दिल्ली जैसा ही सम्मेलन कराने की अनुमति मांगी थी। इस सम्मेलन में देश भर के जमातियों के अलावा विश्व के कई देशों से कुल 50 हजार लोग शामिल होने वाले थे। भारत में तब तक कोरोना वायरस के संक्रमण ने भी कदम नहीं रखा था। जमातियों के इस सम्मेलन की मंजूरी शमीम एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी ने मांगी थी। वह लोग पश्चिम वसई के गांव दिवामन में कुरान की आयातें पढ़ने, इस्लामिक चर्चा और नमाज पढ़ने की इजाजत मांग रहे थे।
इस मामले में जिले के प्रशासन और राज्य की पुलिस ने गहन चर्चा की और फौरी तौर 5 फरवरी को इसकी इजाजत दे दी थी। तब तक कोराना का संक्रमण भारत में आ चुका था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के इसे महामारी घोषित करने और संक्रमण महाराष्ट्र में फैलने पर राज्य सरकार को इस कार्यक्रम को लेकर खतरा महसूस हुआ। और राज्य के गृह मंत्रालय ने विगत छह मार्च को स्थानीय पुलिस की ओर से क्रार्यक्रम को मिली अनुमति को रद कर दिया। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि 24 मार्च को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में लॉकडाउन की घोषणा कर दी।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को खून (ब्लड) की जांच के जरिये बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस टेस्ट कराने की अनुमति प्रदान कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि त्वरित जांच के लिए राज्य सरकार स्वैब की जगह खून के नमूनों की जांच करेगी जिसके जरिये पांच मिनट में ही यह पता चल सकता है कि व्यक्ति में कोविड-19 के लिए एंटी-बॉडीज विकसित हुए हैं अथवा नहीं। केंद्र ने पहले महाराष्ट्र को बड़े पैमाने पर टेस्ट करने की अनुमति नहीं दी थी। वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ राजेश टोपे और राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख भी शामिल हुए।