कोल्हापुर, पीटीआई। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) द्वारा गठबंधन करने के कुछ दिनों बाद, राकांपा नेता शरद पवार ने शनिवार को कहा कि अब तक महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के घटकों के बीच इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई है कि वीबीए को बोर्ड में शामिल किया जा रहा है। पवार ने कहा कि कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना मिलकर आगामी चुनाव लड़ेगी।
"अंबेडकर के साथ कोई चर्चा नहीं"
शिवसेना (यूबीटी) और वीबीए के गठबंधन के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "एमवीए में प्रकाश अंबेडकर की वीबीए को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी, हम नहीं जानते कि दोनों पार्टियों के बीच क्या चल रहा है।" उन्होंने कहा, "कांग्रेस, राकांपा और ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना मिलकर आगामी चुनाव लड़ेगी। हमने अंबेडकर के साथ कोई चर्चा नहीं की है।"
शिवसेना में पड़ गई थी फूट
एनसीपी, कांग्रेस और ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना एमवीए का हिस्सा हैं। तीन दलों का गठबंधन 2019 से पिछले साल के जून तक सत्ता में था। ठाकरे के पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायकों के विद्रोह के बाद उनकी सरकार गिर गई। एकनाथ शिंदे और उनके समर्थकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाया और सत्ता में आ गए।
भाजपा मांग सकती है एमवीए का समर्थन
भाजपा ने कथित तौर पर कहा है कि वह एमवीए का समर्थन मांगेगी ताकि पुणे में कस्बा और चिंचवाड़ विधानसभा सीटों पर आगामी उपचुनाव निर्विरोध हो सकें। इन सीटों पर उपचुनाव की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि इन सीटों के मौजूदा भाजपा विधायकों का हाल ही में निधन हो गया है। इसके बारे में पूछे जाने पर, पवार ने कहा, "मुझे नहीं पता कि राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल इस बारे में पत्र लिख रहे हैं, मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मुझे नहीं पता कि उन्होंने कोल्हापुर और पंढरपुर में उपचुनाव के दौरान निर्विरोध चुनाव के बारे में क्यों नहीं सोचा।"
2019 में 80 घंटे चली थी सरकार
नवंबर 2019 में देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार के सुबह-सुबह शपथ ग्रहण समारोह के बारे में पूछे जाने पर, एनसीपी अध्यक्ष ने जवाब दिया, "अब तो इसे दो साल हो गए हैं, आप उस विषय को क्यों उठा रहे हैं?" 2019 के विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद, फडणवीस उस वर्ष 23 नवंबर को मुख्यमंत्री चुने गए थे और अजीत पवार को डिप्टी सीएम बनाया गया था। दोनों को सुबह-सुबह चुपके से शपथ दिलाई गई, लेकिन सरकार केवल 80 घंटे ही चल पाई थी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव के बारे में एक सवाल पर पवार ने कहा कि वह विभिन्न दलों के नेताओं को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं।
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