शीना हत्याकांड की जांच सीबीआइ को सौंपी
महाराष्ट्र सरकार ने हाईप्रोफाइल शीना बोरा हत्याकांड की जांच शुक्रवार को सीबीआइ के हवाले कर दी। इस हत्या के पीछे बड़े पैमाने पर वित्तीय लेनेदेन की साजिश सामने आने पर राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। हालांकि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर को जांच से बेदखल करने के दस
मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र सरकार ने हाईप्रोफाइल शीना बोरा हत्याकांड की जांच शुक्रवार को सीबीआइ के हवाले कर दी। इस हत्या के पीछे बड़े पैमाने पर वित्तीय लेनेदेन की साजिश सामने आने पर राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। हालांकि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर को जांच से बेदखल करने के दस दिन बाद राज्य सरकार के अचानक इस फैसले से लोग हैरान हैं।
उल्लेखनीय है कि शीना बोरा की हत्या उसकी मां एवं आइएनएक्स मीडिया की पूर्व सीईओ इंद्राणी मुखर्जी ने अपने पूर्व पति संजीव खन्ना और ड्राइवर श्याम राय के साथ मिलकर 2012 में कर दी थी। शीना के पति और स्टार इंडिया के पूर्व सीईओ पीटर मुखर्जी से कड़ी पूछताछ के बाद से ही इस मामले की जांच में कई मोड़ आए हैं।
महाराष्ट्र के अतिरिक्त गृहसचिव के.पी. बख्शी ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि यह मामला सिर्फ हत्या तक सीमित नहीं है। अब तक की जांच में इससे कुछ बड़े वित्तीय मामलों का लेनदेन भी जुड़ा होने के संकेत मिल रहे हैं। इसलिए राज्य सरकार ने इसकी जांच सीबीआइ को सौंपने का फैसला किया है। सीबीआइ जबसे इसकी जांच शुरू करना चाहेगी, राज्य पुलिस उसे अब तक की गई जांच एवं एकत्र किए गए सभी सबूत उसे सौंप देगी। राज्य सरकार ने जांच सीबीआइ को सौंपने का निर्णय राज्य के पुलिस महानिदेशक संजीव दयाल की रिपोर्ट आने के बाद लिया है।
लेनदेन में एक बड़े उद्योग घराने के शामिल होने के संकेत
यह मामला सीबीआइ को सौंपने का एक बड़ा कारण इसमें आर्थिक जांच का शामिल होना भी बताया जा रहा है। राकेश मारिया ने भी अपनी जांच के दौरान इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय एवं आयकर विभाग आदि को शामिल करने की बात कही थी। माना जा रहा है कि 2008 से 2010 के बीच आइएनएक्स मीडिया की स्थापना एवं उसे बेचे जाने के बीच कुछ बड़े लेनदेन हुए थे। इस लेनदेन में पीटर मुखर्जी, उसकी दूसरी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी एवं उसकी बेटी शीना बोरा के अलावा किसी बड़े उद्योग घराने के शामिल होने के संकेत पुलिस को प्रारंभिक जांच में मिले हैं। राज्य सरकार का मानना है कि आर्थिक मामलों से जुड़े विभागों के साथ सीबीआइ ही इस जांच को ठीक से अंजाम दे सकती है।
मारिया को जांच से अलग करने का विवाद
25 अगस्त को इस मामले का खुलासा होने के बाद से इसकी निगरानी तत्कालीन पुलिस आयुक्त राकेश मारिया कर रहे थे। उन्होंने सभी आरोपियों से स्वयं लंबी अवधि तक पूछताछ भी की। लेकिन जांच लगभग पूरी होने के बाद राकेश मारिया को अचानक 8 सितंबर को समय पूर्व प्रोन्नति देकर इस मामले की जांच से बेदखल कर दिया गया। उनके स्थान पर डीजी होमगार्ड को मुंबई का पुलिस आयुक्त बनाया गया। विपक्ष में मीडिया की तरफ से उठे सवालों के बाद अतिरिक्त गृहसचिव बख्शी ने मारिया को हटाए जाने के कुछ ही घंटों बाद बयान दिया था कि पुलिस आयुक्त पद पर न रहने के बावजूद शीना बोरा हत्याकांड की जांच राकेश मारिया ही करते रहेंगे।
मारिया व जावेद के हैं पीटर से दोस्ताना संबंध
कुछ दिनों बाद पुन: बख्शी ने बयान दिया कि इस मामले की जांच के बारे में अंतिम फैसला सरकार पुलिस महानिदेशक संजीव दयाल की रिपोर्ट आने के बाद करेगी। माना जा रहा है कि जांच सीबीआइ को सौंपने का फैसला सरकार ने इस पेचीदा मामले में किसी और विवाद से बचने के लिए किया है। हत्या की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी के दूसरे पति एवं स्टार इंडिया के पूर्व सीईओ पीटर मुखर्जी के राकेश मारिया के साथ दोस्ताना संबंधों की बात पहले ही उजागर हो चुकी थी। लेकिन पीटर से ऐसे ही संबंधों की बात नए बने पुलिस आयुक्त अहमद जावेद भी स्वीकार कर चुके हैं।
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