महाराष्ट्र सरकार ने कहा- छोटे बच्चों को ज्यादा नींद की जरूरत, प्राइमरी स्कूलों में जल्द होगा बड़ा बदलाव
महाराष्ट्र के स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर का कहना है कि प्राइमरी स्कूल के बच्चों को ज्यादा नींद की जरूरत होती है इस अवधि के दौरान मस्तिष्क का सबसे अधिक विकास होता है। जिसे देखते हुए उनके स्कूल टाइम में बदलाव किया जाना चाहिए।
मुंबई, मिड डे। प्राथमिक विद्यालयों (Primary Schools) में पढ़ने वाले छोटे बच्चों के लिए नींद महत्वपूर्ण है, जिसे देखते हुए राज्य का शिक्षा विभाग प्री-प्राइमरी (Pre Primary) और प्राइमरी वर्गों के लिए स्कूल का समय बदलने पर विचार कर रहा है। स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर (Deepak Kesarkar) ने खुद पिछले हफ्ते पुणे में एजुकेशनल ट्रस्ट प्रोग्रेसिव एजुकेशन सोसाइटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन बच्चों के हित में ये सुझाव दिया।
स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने शुक्रवार को कहा कि चूंकि शहरों में स्कूल दो से तीन पालियों में चल रहे हैं, इसलिए इस संबंध में अंतिम फैसला विशेषज्ञों, प्रबंधन और शिक्षकों से बातचीत के बाद लिया जाएगा। केसरकर ने यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षकों को चुनाव और जनगणना कार्य के अलावा कोई अन्य गैर-शैक्षणिक कार्य नहीं दिया जाएगा।
विभिन्न मुद्दों पर हुई खास बातचीत
प्रोग्रेसिव एजुकेशन सोसाइटी द्वारा आयोजित शिक्षक संवाद और मेधावी छात्र सम्मान समारोह में केसरकर ने मेधावी छात्रों को सम्मानित किया। इस खास अवसर पर शिक्षकों ने गैर-वेतन अनुदान, गैर-शैक्षणिक कार्य, परीक्षा शुरू करना, पाठ्यक्रम में मूल्य शिक्षा लाना, छत्रपति शिवाजी महाराज से लेकर महादजी शिंदे तक का इतिहास, खेल नीति जैसे विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। विधायक सिद्धार्थ शिरोले, समाज के अध्यक्ष विघ्नहरी महाराज देव आदि भी यहां उपस्थित थे
बच्चों को अच्छी नींद की है जरूरत
स्कूल शिक्षा मंत्री दी केसरकर ने कहा, 'छोटे बच्चों को ज्यादा नींद की जरूरत होती है। इन बच्चों के स्कूली जीवन के प्रारंभिक वर्ष महत्वपूर्ण होते हैं, और इस अवधि के दौरान मस्तिष्क का सबसे अधिक विकास होता है।
हालांकि, राज्य में स्कूल का समय सुबह सात बजे से है और पढ़ाई के दबाव के कारण मानसिक तनाव बढ़ जाता है। इसलिए इन बच्चों को अच्छी नींद और अपने दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ाने की जरूरत है। इस पृष्ठभूमि में प्रातः काल के प्राथमिक विद्यालयों के समय में परिवर्तन पर विचार किया जा रहा है। हालांकि इस संबंध में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।'
गैर-शैक्षणिक नौकरियों को रोकने का निर्णय
शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि शिक्षकों को दी जाने वाली गैर-शैक्षणिक नौकरियों को रोकने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद शिक्षकों को केवल चुनाव और जनगणना संबंधी कार्य ही दिए जाएंगे। इन कार्यों को देने से पहले भी राजस्व विभाग में कर्मचारियों की संख्या को ध्यान में रखा जाएगा। इसके बाद ही ये काम दिए जाएंगे।
स्कूली शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन के लिए राज्य की स्कूली शिक्षा में भारी बदलाव की जरूरत है। इसके लिए राज्य स्तर पर एक सलाहकार समिति या बोर्ड का गठन करना आवश्यक है।
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