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Maharashtra: 2022 में बाघ और तेंदुए के हमलों में मारे गए गए 53 लोग, राज्य वन मंत्री ने विधानसभा में दी जानकारी

महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में वर्ष 2022 में बाघों और तेंदुओं के हमले में 53 लोगों की मौत हुई। राज्य के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। मंत्री ने कहा कि इंसानों के अलावा विभिन्न घटानाओं के अतंर्गत 14 बाघों की भी मौत हुई है।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashPublished: Mon, 20 Mar 2023 03:25 PM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2023 03:25 PM (IST)
Maharashtra: 2022 में बाघ और तेंदुए के हमलों में मारे गए गए 53 लोग, राज्य वन मंत्री ने विधानसभा में दी जानकारी
Maharashtra: 2022 में बाघ और तेंदुए के हमलों में मारे गए गए 53 लोग

मुंबई, एजेंसी। भारत में हर साल बाघों और तेंदुओं के हमले से कई लोगों की जान चली जाती है। ऐसा नहीं है कि केवल जंगली जानवर इंसानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इंसानों की वजह से जंगली जानवरों की भी मौतें हो रही है। इसी को देखते हुए अब महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने पिछले साल बाघों और तेंदुओं के हमले में मारे गए लोगों की संख्या का खुलासा किया है।

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पिछले साल हुई इतनी मौतें

महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में वर्ष 2022 में बाघों और तेंदुओं के हमले में 53 लोगों की मौत हुई। राज्य के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सोमवार को विधानसभा में इसकी जानकारी दी। मंत्री ने आगे ये भी बताया कि इंसानों के अलावा विभिन्न घटानाओं के अतंर्गत 14 बाघों की भी मौत हुई है।

राज्य सरकार ने दी 20 लाख रुपये की सहायता राशि

विधानसभा में कांग्रेस विधायक बंटी भंगड़िया के एक सवाल के जवाब में सुधीर ने कहा, 'अकेले चंद्रपुर जिले में 2022 में बाघों के हमले में जहां 44 लोग मारे गए वहीं तेंदुए के हमले में नौ लोगों की मौत हुई।' उन्होंने कहा कि मृतकों के आश्रितों को राज्य सरकार द्वारा 20 लाख रुपये की सहायता राशि दी गई है।

लगभग 53 वन्य जीवों की हुई मौत

वन मंत्री ने आगे बताया कि पिछले साल विभिन्न कारणों से बाघ, तेंदुए, हिरण, भालू और मोर समेत 53 वन्य जीवों की मौत हुई है। उन्होंने आगे कहा कि नौ बाघों और तीन तेंदुओं की प्राकृतिक कारणों से मौत हुई, जबकि दो बाघों की अन्य बाघों के साथ झड़प में मौत हुई है। इसके अलावा, दो बाघों की दुर्घटना में मौत हुई, जबकि एक की करंट लगने से मौत हुई है। मंत्री ने कहा कि पिछले साल 2022 के दौरान शिकारियों द्वारा कम से कम पांच चीता और तीन जंगली सूअर मारे गए थे।


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