महाराष्ट्र में गाय को मिला 'राज्यमाता' का दर्जा, चुनाव से पहले शिंदे सरकार का बड़ा फैसला; सब्सिडी योजना का भी एलान
Maharashtra Cows now Rajya Mata शिंदे सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले देसी गायों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने एलान किया कि देसी (स्वदेशी) गायों को अब से राज्यमाता-गोमाता का दर्जा दिया जाएगा। वहीं शिंदे कैबिनेट की बैठक में देसी गायों के पालन पोषण के लिए 50 रुपये प्रतिदिन की सब्सिडी योजना लागू करने का भी निर्णय लिया गया।
पीटीआई, मुंबई। Maharashtra Cows now Rajya Mata महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले देसी गायों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने एलान किया कि देसी (स्वदेशी) गायों को अब से 'राज्यमाता-गोमाता' का दर्जा दिया जाएगा।
महाराष्ट्र कैबिनेट के बड़े निर्णय
- महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में देसी गायों के पालन-पोषण के लिए 50 रुपये प्रतिदिन की सब्सिडी योजना लागू करने का भी निर्णय लिया गया।
- सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि चूंकि गोशालाएं अपनी कम आय के कारण इसे वहन नहीं कर सकती थीं, इसलिए उन्हें मजबूत करने का निर्णय लिया गया।
- यह योजना महाराष्ट्र गोसेवा आयोग द्वारा ऑनलाइन लागू की जाएगी।
- प्रत्येक जिले में एक जिला गोशाला सत्यापन समिति भी गठित होगी।
- 2019 में 20वीं पशुगणना के अनुसार, देसी गायों की संख्या 46 लाख 13 हजार 632 तक कम पाई गई है। 19वीं जनगणना की तुलना में यह संख्या 20.69 प्रतिशत कम हुई है।
चुनावों से पहले बड़ा फैसला
एक अधिकारी ने कहा कि राज्य विधानसभा चुनावों से पहले आया यह फैसला भारतीय समाज में गाय के आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि यह सदियों से भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य में गायों की अभिन्न भूमिका को उजागर करता है।
अधिकारी ने कहा कि इस निर्णय से गाय के गोबर के कृषि लाभों के बारे में लोग अवगत होंगे। गाय का गोबर मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है और मानव पोषण में योगदान देता है और टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों को दर्शाता है।