गणेश विसर्जन के दौरान पुणेवासियों ने पेश की मिसाल, किया ये नेक काम; देखें वीडियो
पुणे के लक्ष्मी रोड पर गणेश विसर्जन के दौरान अचानक एंबुलेंस को आता देख पुणे वासियों ने बिना किसी विलंब के एंबुलेंस को रास्ता दे दिया।
By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 11:52 AM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 11:52 AM (IST)
पुणे, जेएनएन। महाराष्ट्र में अत्याधिक हर्षोल्लास और भक्तिभाव से मनाया जाना वाला दस दिन तक चलने वाले गणपति उत्सव के 11वें दिन मूर्ति विसर्जन के दौरान जो हुआ वो वाकई काबिले तारीफ है। इतनी भीड़भाड़ और शोर शराबे के बीच पुणे के लक्ष्मी रोड पर गणेश मूर्ति विसर्जन जुलूस के बीच अचानक एक एंबुलेंस आ गयी, एंबुलेंस की आवाज सुनते ही भक्तों ने तुरंत बिना किसी विलंब के कतारबद्ध होकर एंबुलेंस को रास्ता दे दिया।
#WATCH Maharashtra: Devotees give way to ambulance during Ganesh idol immersion procession on Lakshmi Road in Pune. #GaneshVisarjan (12.09.2019) pic.twitter.com/GqxtN1QmzP
— ANI (@ANI) September 13, 2019
गौरतलब है कि वीरवार को अनंत चतुर्दशी के दिन महाराष्ट्र समेत पूरे देश में गणेश विसर्जन की धूम थी, ढोल नगाड़ों के बीच गणपति जी की मूर्तियों को विसर्जन के लिए ले जाया जा रहा था। मुंबई में गणेश प्रतिमा विसर्जन के कार्यक्रम को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पूरी शहर में 50 हजार से अधिक सुरक्षा कर्मियों को जगह-जगह नियुक्त कर किया गया था। कई जगह पर ड्रोन द्वारा भी निगरानी की व्यवस्था की गयी थी। विसर्जन के समय किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो इसके लिए भीड़ के साथ पुलिस कर्मी भी सादे कपड़ों में तैनात थे और सुरक्षा के मद्देनजर पांच हजार सीसीटीवी कैमरों का भी इंतजाम किया गया था। गणेश चतुर्थी 2 सितंबर को थी, इसी दिन हर जगह भगवान गणपति की प्रतिमा स्थापित की जाती है।अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विजर्सन की परंपरादस दिन तक चलने वाले गणेशोत्सव के बाद 11वें दिन अनंत चतुर्दशी होती है इसी दिन गणेश भगवान की प्रतिमा का विसर्जन करने की परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाने से पहले पूर भक्ति भाव से गणपति जी की पूजा अर्चना की जाती है। उसके बाद मोदक का भोग लगाकर प्रतिमा काे पानी में विसर्जित कर दिया जाता है।गणेशोत्सव से जुड़ी मान्यताएंगणेश चतुर्थी के दिन मिट्टी से निर्मित भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है। इस पूजा के 16 चरण होते हैं जिन्हें शोदशोपचार पूजा के नाम से जाना जाता है, गणेश भगवान को मोदक का भोग लगाया जाता है। 10 दिन तक भगवान विघ्नहर्ता गणेश भगवान का भक्तिभाव से पूजन किया जाता है। सुबह शाम घरों और पंडालों में नियमित रूप से आरती की जाती है और 10वें दिन भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन कर दिया जाता है।Maharashtra Assembly Elections 2019: लोगों की टिप्पणियों का मुख्यमंत्री फड़नवीस ने दिया करारा जवाब
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