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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती पर, मुख्यमंत्री फडऩवीस ने दी श्रद्धांजलि

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 01:40 PM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 01:40 PM (IST)
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती पर, मुख्यमंत्री फडऩवीस ने दी श्रद्धांजलि
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती पर, मुख्यमंत्री फडऩवीस ने दी श्रद्धांजलि

मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को उनकी जयंती पर, आज मंत्रालय में श्रद्धांजलि अर्पित की। गौरतलब है कि आज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती है। 20 अगस्त 1944 को जन्में राजीव गांधी देश के सबसे कम उम्र के पीएम बने थे। 31 अक्टूबर 1984 को अपनी मां की हत्या के बाद राजीव को उसी दिन प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई और उन्हें कुछ दिन बाद कांग्रेस पार्टी का नेता चुन लिया गया।

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एक नजर इधर भी

राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त, 1944 को बॉम्बे प्रेसीडेंसी में हुआ था। राजीव गांधी जवाहर लाल नेहरू के प्रपौत्र और फिरोज गांधी व देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पुत्र थे। राजीव गांधी कांग्रेस पार्टी के अग्रणी महासचिव [1981 से] थे, और अपनी मां की हत्या हो जाने के बाद देश के प्रधानमंत्री [1984-1989] बने। राजीव गांधी का विवाह सोनिया गांधी के साथ हुआ था। राजीव गांधी की दो संतानें पुत्र राहुल गांधी और पुत्री प्रियंका गांधी हैं। राजीव गांधी तथा उनके छोटे भाई संजय गांधी [1946-1980] की शिक्षा-दीक्षा देहरादून के प्रतिष्ठित दून स्कूल में हुई थी। इसके बाद राजीव गांधी ने लंदन के इंपीरियल कॉलेज में दाखिला लिया तथा केंब्रिज विश्वविद्यालय [1965] से इंजीनियरिंग का कोर्स पूरा किया। स्वदेश लौटने पर उन्होंने व्यावसायिक पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया और 1968 से इंडियन एयरलाइंस में काम करने लगे। 21 मई, 1991 को मद्रास से करीब 30 मील दूर श्रीपेरमबुदूर से राजीव गांधी चुनाव रैली को संबोधित करने जा रहे थे तभी एक आत्मघाती बम हमले में उनकी मृत्यु हो गई।

हत्या की खौफनाक साजिश

राजीव गांधी का हत्यारा प्रभाकरण ने अपनी मौत से पहले जो जख्म देश को दिया उसकी टीस आज तक है। राजीव गांधी जनता से जुड़ रहे थे। राजीव के पास जाने उनसे मिलने को लेकर कोई बंदिश नहीं थी। कई बार तो राजीव को जनता ऐसे हाथों हाथ लेती जिसकी आज कल्पना भी नहीं की जा सकती। लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण और उसकी टीम ने इसी का गलत फायदा उठाते हुए खौफनाक साजिश तैयार कर राजीव गांधी की हत्या कर दी।


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