Lockdown: वधावन मामले में उद्धव सरकार पर भाजपा हमलावर, तब्लीगी जमात मामले में भी घेरा
Lockdown. अमिताभ गुप्ता के पत्र ने विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को उद्धव सरकार पर हमला बोलने का मौका उपलब्ध करा दिया है।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। Lockdown. पहले से कई मामलों में कई जांच एजेंसियों के निशाने पर चल रहे दीवान हाउसिंग फाइनांस लिमिटेड (डीएचएफएल) के संस्थापक वधावन खुद तो एक नहीं मुसीबत में फंसे ही, उनके कारण समूची उद्धव सरकार पर विपक्ष को हमलावर होने का मौका मिल गया है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने सवाल किया है कि गृहविभाग के प्रधान सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता ने सरकार में किसके आदेश पर वधावन परिवार को लॉकडाउन के दौरान भी खंडाला से महाबलेश्वर जाने की अनुमति दी।
डीएचएफएल के संस्थापक कपिल एवं धीरज वधावन के विरुद्ध देशव्यापी लॉकडाउन का उल्लंघन करने के लिए आपदा प्रबंधन कानून एवं आईपीसी की धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज करके उनके साथ महाबलेश्वर गए 23 लोगों के पूरे समूह को पंचगनी स्थित सेंट जेवियर्स हाईस्कूल में क्वारंटाइन कर दिया गया है, जबकि उन्हें महाबलेश्वर जाने की अनुमति देने वाले आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता को राज्य सरकार द्वारा अवकाश पर भेज दिया गया है, लेकिन इस इतनी कार्रवाई से ही उद्धव सरकार की मुसीबत नहीं टलने वाली।
अमिताभ गुप्ता के पत्र ने विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को उद्धव सरकार पर हमला बोलने का मौका उपलब्ध करा दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं अब नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने सीधा सवाल किया है कि जब लॉकडाउन के दौरान पूरा देश घरों में बंद है, तो अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर का एक अधिकारी कैसे किसी को इस तरह की अनुमति प्रदान कर सकता है ? ये अनुमति सरकार में किसकी शह पर दी गई ? जबकि कई केंद्रीय जांच एजेंसियां पहले से कई मामलों में वाधवान बंधुओं जांच कर रही हैं। फड़नवीस ने मांग की है कि इस मामले की किसी केंद्रीय या निष्पक्ष जांच एजेंसी से जांच करवाई जानी चाहिए।
इससे पहले इस मामले को उठाने वाले भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने भी वाधवान बंधुओं को वीवीआईपी ट्रीटमेंट देने पर सरकार को घेरा है। उनका मानना है कि प्रधान सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता को छुट्टी पर भेजना आंखों में धूल झोंकने जैसा है। इसके लिए गृहमंत्री अनिल देशमुख को त्यागपत्र देना चाहिए, साथ ही देशमुख को यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने किसके कहने पर अमिताभ गुप्ता को ऐसा करने के लिए कहा। किरीट सोमैया ने भारत सरकार के कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को भी पत्र लिखकर अमिताभ गुप्ता पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।
बता दें कि बुधवार को पहले से कई मामलों में केंद्रीय जांच एजेंसियों के निशाने पर चल रहे डीएचएफएल के वाधवान बंधुओं को महाराष्ट्र गृह विभाग के प्रधान सचिव (विशेष) ने अपना करीबी बताते हुए खंडाला पांच कारों में 23 लोगों के खंडाला से महाबलेश्वर जाने की अनुमति प्रदान करते हुए एक पत्र लिखा था। अब यही पत्र स्वयं अमिताभ गुप्ता एवं सरकार के गले की हड्डी बन गया है।
तब्लीगी जमात मामले में भी घेरा
देवेंद्र फड़नवीस ने गृहमंत्री अनिल देशमुख एवं राज्य सरकार पर तबलीगी जमात के लोगों के संबंध में दी जा रही गलत जानकारी पर भी सवाल उठाया है। फड़नवीस ने कहा है कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि दिल्ली से लौटे तब्लीगी जमात के सभी लोगों की पहचान कर ली गई है। उसके बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बयान दिया कि अभी 58 लोग नहीं मिल रहे हैं। फिर मुंबई महानगरपालिका के आग्रह पर मुंबई पुलिस ने 150 जमातियों के गायब होने की एफआइआर दर्ज की। और अब गृहमंत्री देशमुख कह रहे हैं कि जमातियों के टेलीफोन बंद आने के कारण उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। जहां अन्य राज्यों में सामने न आने वाले तब्लीगियों के विरुद्ध हत्या के प्रयास के मामले दर्ज किए जा रहे हैं, महाराष्ट्र में उनके प्रति इस प्रकार का रवैया संदेह पैदा करता है।
महाराष्ट्र उन पर कड़ी कार्रवाई करने से बच रहा है, तो कोई तो कारण होगा। जितनी सख्ती के साथ कार्रवाई होनी चाहिए, वह नहीं हो रही है। फड़नवीस ने याद दिलाया कि दो दिन पहले राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि तबलीग से जुड़े मामलों को ज्यादा तूल देना ठीक नहीं। उसके बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख ने तबलीगी जमात के मामले में केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए एक पत्र लिखा। फड़नवीस का मानना है कि अनिल देशमुख इस तरह का राजनीतिक बयान अपनी नाकामी छुपाने एवं लोगों को बरगलाने के लए दे रहे हैं।