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ATS Raid: महाराष्ट्र एटीएस ने पीएफआइ के 20 कार्यकर्ताओं को किया गिरफ्तार

ATS Raid महाराष्ट्र में एटीएस की टीमों ने वीरवार को मुंबई नवी मुंबई ठाणे औरंगाबाद पुणे कोल्हापुर बीड परभणी नांदेड़ मालेगांव और जलगांव में छापेमारी कर विभिन्न स्थानों से 20 लोगों को गिरफ्तार कर महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए।

By AgencyEdited By: Sachin Kumar MishraPublished: Thu, 22 Sep 2022 03:17 PM (IST)Updated: Thu, 22 Sep 2022 05:04 PM (IST)
ATS Raid: महाराष्ट्र एटीएस ने पीएफआइ के 20 कार्यकर्ताओं को किया गिरफ्तार
महाराष्ट्र एटीएस ने पीएफआइ के 20 कार्यकर्ताओं को किया गिरफ्तार। फोटो

मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र के आतंदवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने वीरवार को पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) के 20 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। पीएफआइ के पांच गिरफ्तार सदस्यों को एटीएस की टीम मुंबई के सत्र अदालत में लाया गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के नेतृत्व में देश के 11 राज्यों में 106 पीएफआइ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।

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एटीएस ने इन जिलों में की छापेमारी

समाचार एजेंसी प्रेट्र के मुताबिक, महाराष्ट्र (Maharashtra) में वीरवार को एटीएस की टीमों ने मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, औरंगाबाद, पुणे, कोल्हापुर, बीड, परभणी, नांदेड़, मालेगांव (नासिक जिले में) और जलगांव में छापेमारी कर विभिन्न स्थानों से 20 लोगों को गिरफ्तार कर महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए। एटीएस अधिकारी इन मामलों के संबंध में कई लोगों से पूछताछ भी की। गौरतलब है कि PFI का गठन 2006 में केरल में हुआ था और इसका मुख्यालय दिल्ली में है। 

जानिए, क्या है पीएफआइ और क्या हैं इसके दावे

पापुलर फ्रंट आफ इंडिया इस्लामिक संगठन है। ये संगठन अपने को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला बताता है। संगठन की स्थापना 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के उत्तराधिकारी के रूप में हुई। संगठन की जड़े केरल के कालीकट में गहरी हैं। इसका मुख्यालय दिल्ली के शाहीन बाग में है। शाहीन बाग वो इलाका है, जहां पर सीएए और एनआरसी के विरोध में पूरे देश में 100 दिन तक सबसे लंबा आंदोलन चला था। 

कई राज्यों में फैला हुआ है यह संगठन

संगठन 2006 में उस समय सुर्खियों में आया था, जब दिल्ली के रामलीला मैदान में इनकी तरफ से नेशनल पालिटिकल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था। तब लोगों की एक बड़ी संख्या ने इस कांफ्रेंस में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। इस संगठन की जड़े देश के 24 राज्यों में फैली हुई है। कहीं पर इसके सदस्य अधिक सक्रिय हैं तो कहीं पर कम। मगर मुस्लिम बहुल इलाकों में इनकी जड़े काफी गहरी है इससे इनकार नहीं किया जा रहा है। संगठन खुद को न्याय, स्वतंत्रता और सुरक्षा का पैरोकार बताता है और मुस्लिमों के अलावा देश भर के दलितों, आदिवासियों पर होने वाले अत्याचार के लिए समय समय पर मोर्चा खोलता है।

2006 में लगा था प्रतिबंध

पीएफआइ को स्‍टूडेंट्स इस्‍लामिक मूवमेट आफ इंडिया यानी सिमी की बी विंग कहा जाता है। साल 1977 में संगठित की गई सिमी को 2006 में प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बाद माना जाता है कि मुसलमानों, आदिवासियों और दलितों का अधिकार दिलाने के नाम पर इस संगठन का निर्माण किया गया। ऐसा इसलिए माना जाता है कि पीएफआइ की कार्यप्रणाली सिमी जैसी ही थी। साल 2012 में भी इस संगठन को बैन करने की मांग उठ चुकी है। 

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