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Maharashtra: अनिल देशमुख ने गिरीश महाजन को आरोपित बनाने का बनाया था दबाव, CBI जांच में हुआ खुलासा

भाजपा नेता को झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश करने के लिए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआइ ने एक नई प्राथमिकी दर्ज की है। जांच पहले सीआइडी को और बाद में सीबीआइ के सुपुर्द की गई। इसमें देशमुख के साथ पांच और लोगों को नामित किया गया है। इस मामले में नौ दिसंबर 2020 को एक जीरो एफआइआर भी दर्ज की गई थी।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 04 Sep 2024 11:15 PM (IST)
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अनिल देशमुख ने गिरीश महाजन को आरोपित बनाने का बनाया था दबाव

 राज्य ब्यूरो, मुंबई। भाजपा नेता को झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश करने के लिए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआइ ने एक नई प्राथमिकी दर्ज की है। सीबीआइ ने दो साल की प्रारंभिक जांच के बाद मामला दर्ज किया है।

यह जांच एक पैन ड्राइव पर आधारित थी जो तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने उस समय के महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी थी। जांच पहले सीआइडी को और बाद में सीबीआइ के सुपुर्द की गई। इसमें देशमुख के साथ पांच और लोगों को नामित किया गया है।

यह मामला महाविकास आघाड़ी (मविआ) सरकार में गृह मंत्री रहे अनिल देशमुख द्वारा भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्य सरकार में मंत्री गिरीश महाजन को झूठे मामले में फंसाने की कोशिश का है।

महाजन का आरोप है कि अनिल देशमुख ने गृह मंत्री रहते जलगांव के एसपी को कई बार फोन कर करीब तीन साल पुराने एक मामले में मुझे आरोपित बनाने का दबाव डाला था। महाजन को फंसाने की साजिश में विशेष लोक अभियोजक प्रवीण पंडित चव्हाण के साथ दो महिला पुलिस अधिकारी डीसीपी पूर्णिमा गायकवाड एवं एसीपी सुषमा चव्हाण भी शामिल थीं।

देवेंद्र फडणवीस ने उठाया था मुद्दा

इस मामले में नौ दिसंबर, 2020 को एक जीरो एफआइआर भी दर्ज की गई थी।कुछ माह बाद देवेंद्र फडणवीस ने यह मामला विधानसभा में उठाते हुए कुछ लोगों की बातचीत से संबंधित एक पेन ड्राइव जांच के लिए विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी थी। करीब दो साल तक चली इस मामले की प्रारंभिक जांच के बाद बुधवार को सीबीआइ ने इसी जांच के आधार पर पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख सहित पांच और लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है।

परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर लगाए आरोप

कुछ दिनों पहले मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने भी अनिल देशमुख पर आरोप लगाया था कि वह देवेंद्र फडणवीस एवं गिरीश महाजन सहित कुछ और नेताओं को गलत मामलों में फंसाना चाहते थे। देशमुख सिंह के लगाए आरोपों के आधार पर ही एक साल से अधिक समय तक ईडी एवं सीबीआइ द्वारा दर्ज किए गए भ्रष्टाचार के मामलों में जेल में रह चुके हैं।

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