Maharashtra: '2 और 2 हमेशा 4 नहीं होते', सर्वे पर बोले CM शिंदे; ठाकरे ने भी लोकसभा चुनाव को लेकर किया पलटवार
इंडिया टुडे ने सी-वोटर के साथ मिलकर मूड ऑफ द नेशन सर्वे किया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस सर्वे को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि राजनीति में दो और दो हमेशा चार नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि यह जनता की भावना नहीं है।
मुंबई, एजेंसी। इंडिया टुडे ने सी-वोटर के साथ मिलकर 'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे किया है। इस सर्वे के अनुसार अगर आज लोकसभा के चुनाव हो जाते हैं तो महाराष्ट्र में 'महाविकास अघाड़ी' राज्य की 48 सीटों में से 34 सीटें जीतेगी।
उद्धव ठाकरे ने इंडिया टुडे-सी वोटर के मूड ऑफ द नेशन पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुझे यकीन है कि MVA 2024 के लोकसभा चुनाव में कम से कम 40 सीटें जीतेगा।
सर्वे में MVA को अगस्त में मिलेंगी 30 सीटें
बता दें कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद गिर गई थी। पिछले साल ठाकरे की सरकार गिरने के बाद अगस्त में हुए पहले ओपिनियन पोल में एमवीए को 30 सीटें जीतते हुए दिखाया गया था, लेकिन महज पांच महीने बाद ही महाविकास अघाड़ी गठबंधन को 34 सीटें जाती हुई दिख रही हैं। बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना का गठबंधन कांग्रेस और एनसीपी से है।
महज 2.2% लोग शिंदे के पक्ष में
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा, "तो, मूड ऑफ नेशन सर्वे साबित करता है कि महाराष्ट्र के लोगों ने गद्दारों और असंवैधानिक कदमों के सूत्रधार भाजपा के प्रति दया नहीं दिखाई है।" सर्वे के अनुसार सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्रियों की सूची में एकनाथ शिंदे 8वें स्थान पर हैं। सर्वेक्षण के अनुसार केवल 2.2% लोग उनके पक्ष में हैं।
सर्वे को बताया निराधार
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस सर्वे को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि यह जनता की भावना नहीं है और जमीनी स्तर पर काम नहीं करेगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि हम अगले लोकसभा चुनाव में सारे रिकॉर्ड तोड़ देंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह सर्वेक्षण केवल कुछ चुनिंदा लोगों से पूछकर बनाया गया है।
शिंदे ने कहा कि हाल ही में हुए ग्राम पंचायत चुनावों के नतीजे साबित करते हैं कि लोग हमारी सरकार के साथ हैं। पिछली एमवीए सरकार ने अपने कार्यकाल में लोगों के लिए कुछ नहीं किया।
उन्होंने आगे कहा कि राजनीति में हमेशा दो और दो चार नहीं होते हैं। महज कुछ लोगों के आधार पर किया गया सर्वे एक सटीक तस्वीर नहीं पेश कर सकता है कि कितने लोगों का सर्वेक्षण किया गया, इसका विवरण मेरे पास है। मैं ऐसे किसी आंकड़ों में नहीं जाना चाहता।
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