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गोदरेज समूह का पारिवारिक विवाद से इंकार कहा मीडिया की सुर्खिंया बनने से हैं दुखी

गोदरेज समूह में जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा है अखबारों में भी गोदरेज समूह में चल रहे आंतरिक विवादों को लेकर प्रमुखता से खबरें प्रकाशित हुई हैं

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 09:23 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2019 09:23 AM (IST)
गोदरेज समूह का पारिवारिक विवाद से इंकार कहा मीडिया की सुर्खिंया बनने से हैं दुखी
गोदरेज समूह का पारिवारिक विवाद से इंकार कहा मीडिया की सुर्खिंया बनने से हैं दुखी

मुंबई, राज्य ब्यूरो। गोदरेज समूह के दो चचेरे भाइयों आदि गोदरेज एवं जमशेद गोदरेज ने एक संयुक्त बयान में दावा किया है कि हम लंबे समय से समूह की दीर्घकालीन रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। इस प्रक्रिया में हम कुछ बाहरी सलाहकारों की सेवाएं ले रहे हैं। इस सामान्य एवं पारिवारिक चर्चा के मीडिया की सुर्खियां बनने से हम दुखी हैं। 

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बता दें कि कुछ अखबारों में आज गोदरेज समूह में चल रहे आंतरिक विवादों को लेकर प्रमुखता से खबरें प्रकाशित हुई हैं। इन खबरों के अनुसार गोदरेज समूह में जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा है। जिसे सुलझाने के लिए बाहरी सलाहकारों की मदद ली जा रही है। प्रकाशित खबरों के अनुसार गोदरेज परिवार की चौथी पीढ़ी में सामंजस्य न होने के कारण समूह को पारिवारिक जमीन के बंटवारे पर फिर से सोचना पड़ रहा है।

बता दें कि गोदरेज समूह की तीसरी पीढ़ी के प्रमुख सदस्य आदि गोदरेज एवं उनके भाई नादिर गोदरेज के अधिकार में तीन सूचीबद्ध कंपनियां झ्र गोदरेज कंज्यूमर्स (जीसीपीएल), गोदरेज प्रॉपर्टीज लि. एवं गोदरेज एग्रोवेट हैं। जबकि उनके चचेरे भाई जमशेद गोदरेज के नियंत्रण में गोदरेज एंड बॉयस है। इसके अलावा गोदरेज प्रॉपर्टीज में उनकी 4.64 फीसद एवं जीसीपीएल में 7.34 फीसद भागीदारी है। 

बताया जाता है कि विवाद गोदरेज एंड बॉयस के अंतर्गत आनेवाले बड़े भूखंड के लेकर है। 3,400 एकड़ का यह भूखंड मुंबई के के विक्रोली, भांडुप एवं नाहुर क्षेत्र में स्थित है। यहां तक कि ठाणे से सीधे दक्षिण मुंबई तक जानेवाला पूर्वी महामार्ग भी गोदरेज के इसी भूखंड से होकर गुजरता है। गोदरेज प्रॉपर्टीज इन दिनों भवन निर्माण के क्षेत्र में काफी काम कर रही है। ये निर्माण गोदरेज एंड बॉयस के अधिकार वाले भूखंड पर ही होने हैं। गोदरेज प्रॉपर्टीज इसके बदले में अपने लाभ का 10 से 15 फीसद गोदरेज एंड बॉयस को देती है। अनुमान लगाया जा रहा है कि विवाद इसी भागीदारी को लेकर है। खासतौर से विवाद का कारण अब तक चले आ रहे पारिवारिक समझौते की शर्तों से चौथी पीढ़ी का सहमत न होना बताया जा रहा है। 

देश के प्रमुख उद्योग घरानों के विवादों पर निगाह रखने एवं समझौते कराने वाले भी आज गोदरेज परिवार के दो सदस्यों द्वारा जारी इस संयुक्त बयान से सहमत नजर आते हैं कि परिवार आपसी चर्चा से से ही पारिवारिक मामले निपटा लेगा। ऐसी ही एक पारिवारिक बिजनेस सलाहकार फर्म इक्वेशन्स एडवाइजर्स की डॉ.मीता दीक्षित कहती हैं कि विवाद में घिरे देश के कुछ अन्य उद्योग घरानों के विपरीत गोदरेज समूह अपने आंतरिक मामले कोर्ट में ले जाने के बजाय खुद सुलझाने में यकीन रखता है। बड़े भाई आदि गोदरेज के नेतृत्व में बने फैमिली बिजनेस बोर्ड में उनके भाई नादिर, चचेरे भाई जमशेद, बहनोई विजय कृष्णा शामिल हैं। विशेष निमंत्रित के रूप में कभी-कभी बोर्ड की बैठक में इन भाइयों के 18 साल से अधिक उम्र के बच्चे भी शामिल हो जाते हैं।       

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