Money Laundering Case: अनिल देशमुख के खिलाफ ईडी ने दाखिल किया पूरक आरोप पत्र
Money Laundering Case मनी लांड्रिंग के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ ईडी ने पूरक आरोप पत्र दाखिल किया। जांच एजेंसी ने मनी लांड्रिंग निषेध अधिनियम से संबंधित मामलों की सुनवाई से जुड़ी विशेष अदालत के समक्ष 7000 पेज का आरोप पत्र दायर किया।
मुंबई, प्रेट्र। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को मनी लांड्रिंग के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया। जांच एजेंसी ने मनी लांड्रिंग निषेध अधिनियम (पीएमएलए) से संबंधित मामलों की सुनवाई से जुड़ी विशेष अदालत के समक्ष 7,000 पेज का आरोप पत्र दायर किया। इस आरोप पत्र में देशमुख के बेटों को भी आरोपित बनाया गया है। ईडी ने इससे पहले देशमुख के निजी सचिव (अतिरिक्त जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी) संजीव पलांदे और निजी सहायक कुंदन शिंदे समेत 14 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। ईडी ने देशमुख को इस साल एक नवंबर को संबंधित मामले में गिरफ्तार किया था। फिलहाल वे न्यायिक हिरासत में हैं।
सीबीआइ द्वारा इस साल 21 अप्रैल को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद ईडी ने देशमुख और उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच शुरू की थी। ईडी का मामला यह है कि राज्य के गृह मंत्री के रूप में देशमुख ने कथित तौर पर अपने पद का दुरुपयोग किया और पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के माध्यम से मुंबई के कई बार व रेस्त्रां से 4.70 करोड़ रुपये की वसूली की थी। वाझे को 'अंटीलिया' बम कांड और मनसुख हिरेन की हत्या के मामलों में गिरफ्तारी के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। मनी लांड्रिंग का यह मामला देशमुख परिवार के नियंत्रण वाले शैक्षणिक ट्रस्ट नागपुर स्थित श्री साईं शिक्षण संस्थान से संबंधित है। ईडी के अनुसार, पलांदे और शिंदे दोनों ने बेहिसाब काले धन के शोधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
गौरतलब है कि राज्य खुफिया विभाग (एसआइडी) से दस्तावेज लीक मामले में मुंबई किला कोर्ट से केंद्र सरकार को झटका लगा है। अदालत ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को मामले से जुड़े दस्तावेज और पेन ड्राइव 10 दिन के भीतर मुंबई पुलिस की साइबर सेल को सौंपने का आदेश दिया है। आइपीएस अधिकारी रश्मी शुक्ला के कार्यकाल के दौरान एसआइडी से दस्तावेज लीक होने के मामले की साइबर सेल सरकारी गोपनीयता कानून के तहत जांच कर रही है। साइबर सेल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस द्वारा जमा कराए गए दस्तावेज और पेन ड्राइव देने की मांग थी, जिसे मंत्रालय ने नकार दिया था। मंत्रालय ने कहा था कि राज्य सरकार द्वारा की गई मांग बहुत अस्पष्ट है, क्योंकि वह पहले से ही जानती है किस तरह के दस्तावेज हैं। इसके बाद राज्य सरकार ने अक्टूबर में अदालत का दरवाजा खटखटाया था।