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Onion prices Hike: बारिश ने पहुंचाया फसलों को नुकसान, प्‍याज की कीमतों में आया उछाल

देश के कई इलाकों में बीते दिनों हुई भारी बारिश के कारण फसलें तबाह हो गई हैं बारिश का असर प्‍याज की पैदावार पर भी पड़ा है । पुणे में प्‍याज के दाम अब 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गये हैं जबकि पिछले सप्‍ताह 70 रुपये था ।

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 08:29 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 09:41 AM (IST)
Onion prices Hike: बारिश ने पहुंचाया फसलों को नुकसान, प्‍याज की कीमतों में आया उछाल
पुणे में प्‍याज की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है

पुणे, एएनआइ। देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में अत्‍याधिक बारिश होने के कारण फसलों को काफी ज्‍यादा नुकसान हुआ है जिसकी वजह से पुणे में प्‍याज की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। एक व्‍यापारी के अनुसार, "बारिश के कारण खेतों से आपूर्ति प्रभावित होने के कारण मूल्य में वृद्धि हुई है। पिछले सप्ताह प्याज की कीमत लगभग 70 रुपये प्रति किलो थी जो आज बढ़कर 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है।"  

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सितम्बर में लगातार हुई तेज बारिश के कारण नासिक, अहमदनगर, पुणे, धुले समेत कई जिलों में प्याज की खेती करने वाले किसानों की नर्सरी बर्बाद कर दी। जिन किसानों ने नर्सरी की रोपाई कर दी थी, उसमें भी पानी भर गया। प्याज जैसी कंद वाली फसलों के लिए जलभराव काफी नुकसानदेय होता है। किसानों द़वारा प्‍याज की पैदावार के लिए लगायी जाने वाली नर्सरी नष्‍ट हो चुकी है एक नर्सरी को लगाने में लगभग 30 हजार का खर्चा आ रहा है। जिसकी वजह से किसानों पर भारी संकट आ गया है। यदि कोई किसान एक एकड़ में प्याज की पैदावार करता है तो नर्सरी में दस किलो बीज लगते हैं, इस समय बीज के दाम 3000 हजार रुपए किलो है। तो इस तरह 30 हजार का तो बीज ही लग गया, इसके अलावा दवाई (कीटनाशक आदि) मजदूरी अलग से। किसानों के पैसे तो बर्बाद हुए ही साथ ही मार्केट में प्याज भी देरी से आएगी।" 

बता दें कि पुणे स्थित प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय (ICAR - DOGR) के अनुसार देश में सबसे अधिक प्याज की पैदावार महाराष्ट्र में होती है। उसके बाद कर्नाटक, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य आते हैं। महाराष्ट्र के नासिक, अहमदनगर, पुणे, धुले, शोलापुर जिले में किसान मुख्‍य रूप से प्याज की पैदावार करते हैं। महाराष्ट्र में एक साल में चार बार प्याज की खेती की जाती है। प्याज ही नहीं महाराष्ट्र के उस्मानाबाद, नांदेड़, वर्धा जैसे कई जिलों में इस समय खरीफ की सोयाबीन, बाजरा, उड़द, कपास, ज्वार और मूंग की फसलें भी तैयार खड़ी थी लेकिन बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। 


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