Maharashtra Politics: प्रकाश आंबेडकर के आते ही महाविकास आघाड़ी में कलह शुरू, शरद पवार पर कर रहे हैं टिप्पणी
महाराष्ट्र में कुछ माह पहले तक सत्ता में एकजुट रही महाविकास आघाड़ी में दलित नेता प्रकाश आंबेडकर के प्रवेश करते ही कलह शुरू हो गई है। आंबेडकर इस आघाड़ी के शिल्पकार कहे जानेवाले शरद पवार पर टिप्पणियां करने से बाज नहीं आ रहे हैं। फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र में कुछ माह पहले तक सत्ता में एकजुट रही महाविकास आघाड़ी में दलित नेता प्रकाश आंबेडकर के प्रवेश करते ही कलह शुरू हो गई है। आंबेडकर इस आघाड़ी के शिल्पकार कहे जानेवाले शरद पवार पर टिप्पणियां करने से बाज नहीं आ रहे हैं, तो अब शिवसेना ने उन्हें पवार पर जबान संभालकर बोलने की नसीहत देनी शुरू कर दी है।
महाविकास आघाड़ी में सबकुछ ठीकठाक रहना मुश्किल
करीब तीन-चार माह की बातचीत के बाद 23 जनवरी को ही प्रकाश आंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाड़ी एवं शिवसेना के उद्धव गुट (शिवसेना उद्धव बालासाहब ठाकरे) में गठबंधन हुआ है। यह गठबंधन उद्धव ठाकरे की पहल पर हुआ है। तभी से आशंका जताई जा रही थी कि प्रकाश आंबेडकर के प्रवेश के बाद महाविकास आघाड़ी में सबकुछ ठीकठाक रहना मुश्किल है। लेकिन तब उद्धव ठाकरे ने यह कहते हुए सबकुछ अच्छा होने की उम्मीद जताई थी कि कभी शिवसेना भी राकांपा और कांग्रेस की विरोधी हुआ करती थी। लेकिन उसके बाद छह माह तक इन्हीं दलों के साथ सरकार भी चला चुकी है। एक सप्ताह के अंदर ही उनकी इन उम्मीदों पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है।
शरद पवार आज भी भाजपा के साथ- प्रकाश
शिवसेना उद्धव गुट के साथ गठबंधन के समय ही पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए प्रकाश आंबेडकर ने स्पष्ट कर दिया था कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार पर उनके विचार जगजाहिर हैं। उनमें कोई बदलाव नहीं आया है। उसके बाद उन्होंने कहा कि शरद पवार आज भी भाजपा के साथ हैं। आंबेडकर की ये टिप्पणियां पवार की पार्टी राकांपा को रास नहीं आ रही हैं। उसकी तरफ से नाराजगी व्यक्त की जाने लगी है। इसके दुष्परिणाम समझते हुए शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने आंबेडकर को संभलकर बोलने की सलाह देते हुए कहा है कि वे शरद पवार पर बोलते हुए अपने शब्दों का ध्यान रखें। राउत ने मीडिया के सामने भी स्पष्ट कर दिया है कि वे प्रकाश आंबेडकर द्वारा शरद पवार पर दिए गए वक्तव्यों से सहमत नहीं हैं।
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