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Maharashtra: कंगना रनोट ने कहा, अपने बंगले में नहीं कराया था अवैध निर्माण

Kangana Ranat बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट ने बांबे हाई कोर्ट में अपने हलफनामे में कहा कि उन्होंने गैरकानूनी तरीके से कोई ढांचागत बदलाव नहीं किया था या मरम्मत नहीं करवाई थी। उनके बंगगले के कुछ हिस्से को नौ सितंबर को ध्वस्त कर दिया गया था।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 06:34 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 06:34 PM (IST)
Maharashtra: कंगना रनोट ने कहा, अपने बंगले में नहीं कराया था अवैध निर्माण
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट का फाइल फोटो।

मुंबई, प्रेट्र। Kangana Ranat: बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट ने बांबे हाई कोर्ट में बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के इस दावे को गलत बताया कि उन्होंने अपने पाली हिल स्थित बंगले में कोई अवैध निर्माण कराया था। बंगले के कुछ हिस्से को नौ सितंबर को ध्वस्त कर दिया गया था। कंगना ने अपने हलफनामे में कहा कि उन्होंने गैरकानूनी तरीके से कोई ढांचागत बदलाव नहीं किया था या मरम्मत नहीं करवाई थी। उन्होंने इस बात को भी गलत बताया कि बंगले का कुछ हिस्सा गिराने को गैरकानूनी घोषित करने और क्षतिपूर्ति के तौर पर बीएमसी से दो करोड़ रुपये की मांग वाली उनकी याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। हलफनामे में उन्होंने कहा कि मैं इस बात से इन्कार करती हूं कि मैंने आरोप के मुताबिक गैरकानूनी तरीके से कोई पुनर्निर्माण या बदलाव कराया है।

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पिछले सप्ताह हाई कोर्ट को दिए हलफनामे में बीएमसी ने कहा था कि अभिनेत्री ने उसकी इजाजत के बिना बंगले में बड़े ढांचागत बदलाव किए। इसने कहा कि अधिकारियों ने पुनर्निर्माण को गिराकर सिर्फ कानून का पालन किया। इसने हाई कोर्ट से कंगना की याचिका को कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग बताते हुए इसे खारिज करने की मांग भी की। जवाबी हलफनामे में बॉलीवुड अभिनेत्री ने कहा कि असल में बीएमसी ने पर्याप्त समय पहले नोटिस दिए बगैर उनकी संपत्ति के कुछ हिस्से को गिराकर वैधानिक प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। इससे पहले कंगना ने कहा था कि बीएमसी ने उन्हें नोटिस का जवाब देने के लिए सिर्फ 24 घंटे का समय दिया था और उनके जवाब को जल्दबाजी में खारिज कर दिया था।

बृहन्मुंबई नगर महापालिका (बीएमसी) ने बांबे हाईकोर्ट में एक और हलफनामा दाखिल किया है। इस हलफनामे में बीएमसी ने कहा कि कंगना की नीयत पाक साफ नहीं है। उन्होंने तथ्यों को छुपाया है। वे कानूनी तौर पर किसी राहत की हकदार नहीं हैं। उल्लेखनीय है बीएमसी ने पिछले दिनों कंगना के कार्यालय को नियम विरुद्ध बताकर ध्वस्त कर दिया था। बीएमसी की इस कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणियां की थीं। बाद में कंगना ने बीएमसी से दो करोड़ का हर्जाना दिलाए जाने की मांग को लेकर एक याचिका दायर कर दी। हाईकोर्ट इस मामले पर 22 सितंबर को सुनवाई करेगा।


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