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लव जिहाद पर जमकर बरसे देवेंद्र फडणवीस, बोले- धोखे से हिंदू महिलाओं को बहलाया-फुसलाया जा रहा

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि राज्य में एक लाख से अधिक शिकायतों में जानबूझकर की गई लव जिहाद की साजिश को उजागर किया गया है। सोमवार को कोल्हापुर में सार्वजनिक कार्यक्रम में फडणवीस ने उन घटनाओं की ओर इशारा किया जिनमें महिलाओं को धोखे से अंतर-धार्मिक विवाह के लिए मजबूर किया गया और बाद में बच्चों को जन्म देने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Tue, 01 Oct 2024 11:09 PM (IST)
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फडणवीस बोले- लव जिहाद की मिली हैं एक लाख से अधिक शिकायतें

राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि राज्य में एक लाख से अधिक शिकायतों में जानबूझकर की गई 'लव जिहाद' की साजिश को उजागर किया गया है। फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर पुरुष हिंदू महिलाओं को शादी के लिए बहला-फुसला रहे हैं।

विपक्षी महाविकास आघाड़ी पर निशाना साधते हुए फडणवीस ने दावा किया कि हाल के लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र की 48 में से 14 सीटों पर 'वोट जिहाद' देखा गया।

कोल्हापुर में जमकर बरसे फडणवीस

सोमवार को कोल्हापुर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फडणवीस ने उन घटनाओं की ओर इशारा किया जिनमें महिलाओं को धोखे से अंतर-धार्मिक विवाह के लिए मजबूर किया गया और बाद में बच्चों को जन्म देने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। फडणवीस की टिप्पणी पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उन पर संवैधानिक शपथ का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए माफी की मांग की है।

राज्य के गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे फडणवीस ने कहा कि एक दशक पहले हम सोचते थे कि लव जिहाद की बात एक बार की घटना है। हमें लगता था कि यह कोई साजिश नहीं है।

इसके साथ ही फडणवीस ने स्पष्ट किया कि वह अंतर-धार्मिक विवाह के खिलाफ नहीं हैं। इसके साथ ही उन्होंने 'वोट जिहाद' का मुद्दा भी उठाया और धुले लोकसभा क्षेत्र के नतीजों का हवाला दिया, जहां महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ मालेगांव सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मतदान के कारण विजयी हुए।

उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम चाहे जो भी हों, वास्तविक चिंता कुछ लोगों के बढ़ते आत्मविश्वास को लेकर है, जो सोचते हैं कि यदि वे बड़ी संख्या में मतदान कर सकें तो वे हमें हरा सकते हैं, भले ही वे संख्या के हिसाब से अल्पसंख्यक हों। यह जागने का समय है।

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