उगाही मामले में दाऊद की भूमिका भी तलाशेगी पुलिस
दाऊद इब्राहिम के छोटे भाई इकबाल कासकर की गिरफ्तारी के बाद कई नेताओं की मिलीभगत सामने आई है।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। भवन निर्माता से उगाही मामले में डी-कंपनी से भी तार जुड़ रहे हैं। दाऊद इब्राहिम के छोटे भाई इकबाल कासकर की गिरफ्तारी के बाद कई नेताओं की मिलीभगत सामने आई है। ठाणे पुलिस अब इस मामले में दाऊद इब्राहिम की भूमिका की भी जांच करेगी।
इकबाल को सोमवार देर शाम उसकी बहन हसीना पारकर के घर से गिरफ्तार किया गया था। उसके अलावा तीन और लोग भी गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें हसीना पारकर का देवर इकबाल पारकर, ट्रांसपोर्टर फर्नाडो और मोहम्मद यासीन ख्वाजा शामिल हैं। ठाणे पुलिस मंगलवार को इकबाल कासकर को आठ दिन की पुलिस रिमांड पर लेने में सफल रही। उससे पूछताछ में कई बड़े राज खुलने की संभावना है। पुलिस का कहना है कि इकबाल पिछले पांच साल से दाऊद के नाम पर उगाही का रैकेट चला रहा था। पुलिस के लिए यह जांच का विषय है कि इस रैकेट में परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से स्वयं दाऊद भी शामिल था या नहीं?
इकबाल से प्रारंभिक पूछताछ में पुलिस को कुछ राजनीतिक लोगों द्वारा इकबाल की मदद करने की बात भी सामने आई है। इनमें कुछ सभासद भी शामिल हैं। मोहम्मद यासीन ख्वाजा नशीली दवाओं का धंधा भी करता रहा है। इसलिए पुलिस इकबाल के ड्रग रैकेट से जुड़ाव की भी जांच करेगी। यदि इकबाल के उगाही गिरोह में कुछ और लोगों के शामिल होने के सुबूत मिले तो पुलिस उस पर महाराष्ट्र संगठित अपराध निरोधक कानून (मकोका) के तहत कार्रवाई करने से भी नहीं हिचकेगी। ऐसा होने पर इकबाल को छह माह तक जमानत नहीं मिलेगी। साथ ही, पुलिस को पूछताछ के लिए अधिक वक्त भी मिल जाएगा। ठाणे पुलिस को पता चला है कि इकबाल हफ्ता उगाही के कम से कम 15 मामलों में शामिल रहा है।
गिरफ्तारी के वक्त खा रहा था बिरयानी
ठाणे के पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह ने मंगलवार को प्रेस से बातचीत में कहा कि भवन निर्माताओं को दाऊद के नाम पर धमकियां दी जाती थीं और कभी-कभी अचल संपत्तियों को खाली कराने एवं उन पर कब्जा करने के लिए महाराष्ट्र के बाहर से भी शूटर बुलाए जाते थे। सिंह के अनुसार सोमवार रात जब इकबाल को गिरफ्तार किया गया तो वह अपनी मरहूम बहन हसीना पारकर के नागपाड़ा स्थित घर में बैठा बिरयानी खा रहा था और टेलीविजन पर 'कौन बनेगा करोड़पति' शो देख रहा था। उसके साथ गिरफ्तार लोगों में एक हसीना पारकर का देवर इकबाल पारकर भी है।
परमवीर सिंह के अनुसार, इकबाल पिछले पांच वर्ष से ठाणे, नवी मुंबई एवं मुंबई के भवन निर्माताओं एवं आभूषण व्यवसाइयों को धमकियां देकर वसूली का धंधा चला रहा था। सिंह ने उगाही रैकेट का शिकार बने लोगों से अपील की है कि वे सामने आकर पुलिस जांच में सहयोग दें। उन्हें पुलिस द्वारा पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी एवं आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भवन निर्माता ने ली थी इकबाल से मदद
मुंबई में अक्सर देखा जाता है कि भवन निर्माता भूखंड या फ्लैट खाली कराने अथवा कब्जा करने के लिए माफिया सरगनाओं की मदद लेते हैं। ये मदद बाद में उन्हीं को भारी पड़ने लगती है। ऐसा ही कुछ इस बार उस भवन निर्माता के साथ भी हुआ, जिसे अंतत: इकबाल के विरुद्ध पुलिस में रिपोर्ट लिखानी पड़ी। घोरबंदर रोड की रोजाडेला इमारत के बिल्डर ने एक भूखंड से जुड़ा विवाद सुलझाने में इकबाल कासकर की मदद ली थी। मदद के एवज में उसने इकबाल को इसी इमारत में चार फ्लैट दिए थे। इकबाल ने उक्त भवन निर्माता से 30 लाख रुपये भी मांगे थे। लेकिन, पिछले साल हुई नोटबंदी के कारण वह यह रकम नहीं चुका सका। जब इकबाल ने हाल ही में भवन निर्माता से एक और फ्लैट मांगना शुरू किया तो भवन निर्माता ने मजबूरन ठाणे पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करवाई।
सूत्रों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।पहली बार नहीं हुआ है गिरफ्तारयह पहला मौका नहीं है, जब इकबाल को हफ्ता वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया है। 2007 में दो गंभीर मामलों में अदालत से बरी होने के बाद वह 2015 में एक इस्टेट एजेंट से तीन लाख रुपये हफ्ता मांगने के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है। उसे 2003 में दुबई से प्रत्यर्पित करके लाया गया था। उस समय वह हत्या के एक मामले में एवं सरकारी जमीन पर एक इमारत बनाने के मामले में आरोपी था। इन दोनों मामलों में वह सुबूतों के अभाव में बरी हो चुका है।
इकबाल कास्कर 12 मार्च, 1993 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों के समय ही दुबई भाग गया था। उसे करीब 10 साल पहले प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया था। उस पर मुंबई में चर्चित रहा सारा सहारा मामले में मुकदमा चलाया गया था, जिसमें वह सुबूतों के अभाव में बरी हो गया था। इकबाल पर आतंकवाद से जुड़ा कोई मामला दर्ज नहीं है। वह भारत में रह रहा दाऊद का एकमात्र भाई है। कुछ वर्ष पहले उस पर उसके घर के बाहर हमला भी हो चुका है।
हाल ही में बहाल हुए हैं प्रदीप शर्मा
प्रदीप शर्मा को हाल ही में पुलिस की नौकरी में बहाल किया गया है। कभी 100 से ज्यादा एनकाउंटर के लिए मशहूर रहे प्रदीप शर्मा को 2009 में अंडरवर्ल्ड से संबंधों के आरोप में तत्कालीन पुलिस आयुक्त हसन गफूर ने बर्खास्त कर दिया था।
प्रदीप शर्मा ने अपनी बर्खास्तगी को महाराष्ट्र एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी। लेकिन, उसका फैसला आने से पहले ही प्रदीप शर्मा को छोटा राजन गिरोह के एक सदस्य रहे लखन भैया एनकाउंटर मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था।
महाराष्ट्र की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
Dawood's brother #IqbalKaskar arrested in an extortion case: Visuals of co accused Mumtaz and Israr who were also arrested #Thane pic.twitter.com/o7CirE3lxI— ANI (@ANI) September 19, 2017
#IqbalKaskar was arrested from his sister #HaseenaParkar's residence: Thane CP Parambir Singh pic.twitter.com/fK1zNmIael— ANI (@ANI) September 19, 2017
#Thane: Dawood's brother #IqbalKaskar,co accused Mumtaz&Israr produced in Police Commissioner's office; they were arrested in extortion case pic.twitter.com/evZIjgJqiB— ANI (@ANI) September 19, 2017
#WATCH Live from Thane: Police address the media after arrest of Dawood Ibrahim's younger brother Iqbal Kaskar https://t.co/CVWKhNNQDK— ANI (@ANI) September 19, 2017